उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर सभी राजनीतिक दलों ने अपनी कमर कस ली हैं। प्रदेश की राजनीति में नए समीकरण बनते-बिगड देखे जा रहे हैं। सभी दलों में बैचेनी और खलबली मची हुई हैं। पश्चिम उत्तर प्रदेश में अपने थोडे से जनाधार के बलबूते राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) एक तरफ समाजवादी के साथ गठबंधन करने के लिए कहती है तो वहीं दूसरी ओर मुज्जफरनगर से लेकर बिजनौर मुरादाबाद रामपुर तक जयंत अपनी पार्टी की जनसभाएं कर ताल ठोक रहा हैं। औवेसी से लेकर चंद्रशेखर रावण और प्रसपा प्रमुख शिवपाल यादव के साथ बैठके करने के बाद ओमप्रकाश राजभर अब साईकिल पर सवार होते दिख रहा हैं।
ओमप्रकाश राजभर वही व्यक्ति है जो कुछ दिनों पहले प्रदेश में हर साल नया मुख्यमंत्री देने का वादा किया था मगर अब अखलेश यादव के झंडे के नीचे आकर अखलेश यादव को सीएम पद का दावेदार बताने लगा है,पिछली बार ओमप्रकाश राजभर की पार्टी बीजेपी के बलबूते ही प्रदेश में जीत का स्वाद चखी थी तथा ओमप्रकाश राजभर को सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी ने सम्मान के साथ मंत्रीपद दिया था।लोकसभा 2019 के चुनाव से पहले बीजेपी गठबंधन में सहयोगी रहते हुए राजभर ने लोकसभा चुनाव के प्रचार में बीजेपी को जमकर कोसा था, बीजेपी ने बहुत ही शांत तरीके से राजभर के जहरीले बयानों को नजरअंदाज किया था, आखिरी दौर की वोंटिग समाप्त होने के साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजभर को अपने मंत्रीमंडल से बर्खास्त कर दिया था।
वर्तमान में ओमप्रकाश राजभर दलित, मुसलिम और ब्राह्मण समीकरण बनाने में जुटा हुआ है। वहीं सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी अपना पिटारा खोल दिया है, वो युवाओं को स्मार्ट फोन और टैबलेट्स बांटने की घोषणा करके युवाओं को भाजपा का दिवाना बना चुके हैं। वही दूसरी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी लगातार प्रदेश के जिलों में दौरे कर रहे है वो जनपदों की जनता को सौगत बांटने में लगे हुए है।देखना बहुत ही दिलचस्प होगा कि आखिर क्या होगा यूपी विधानसभा चुनावी संग्राम में? क्या सपा को पिछली बार की तरह फिर से मुंह की खानी पडेगी या फिर सरकार बनाने में कामयाब हो जायेगे सपाई। भाजपा ने पिछले चुनाव में सभी को बुरी तरह से धूल चटाई थी। वहीं कुछ दिनों पहले ही एएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी मुज्जफरनगर में जनसभा को संबोधित किया था।
ओवैसी भी यूपी के चुनावी शतरंज में अपने पियादे उतारने पर आमदा है। सभी लोग यूपी में अपनी-अपनी पैठ बनाकर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नजर गडाए हैं। हालांकि सभी विपक्षी पार्टियां पुरे दमखम से योगी को हटाने के लिए जी तोड मेहनत कर रही हैं,मगर वो योगी को हटाने में सफल हो पाऐेंगे ऐसा वर्तमान में संभव नहीं दिख रहा हैं।
सीएम योगी आदित्यनाथ की साफ सुथरी छवि के बारे में उनके धुर विरोधी भी प्रशंसा करते हैं। निर्णय लेने की दृढ शक्ति उनके अंदर दिखायी देती है वो जनता को बहुत ही प्रभावित करती हैं। योगी आदित्यनाथ के बोलने की शैली के करोडों प्रशंसक हैं, जब भी दूसरे राज्यों में चुनाव होते है उनकी रैली कराने के लिए विशेष मांग आती रही हैं जबकि ये चुनाव तो स्वंय योगी आदित्यनाथ जी के लिए होने वाला है साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह भी विशेष रूप से उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए एक्टिव मोड में दिखाई दे रहे हैं। विपक्ष एकत्रित होकर भी अगर बीजेपी का सामना करता है तो उन सभी के लिए योगी आदित्यनाथ को चुनौती देना सरल नहीं होगा।
लेख – पूजा कुशवाह
(सभी विचार लेखक के व्यक्तिगत है)
Follow on Twitter : https://twitter.com/being_pooja19