गांधी के जाति मुक्त भारत की परिकल्पना को आज के गांधीवादियों द्वारा ही घुरे पर फेंक जातीय जनगणना की स्वीकृति दी गई। इसे धार्मिक कट्टरता के दुष्परिणामों की प्रतिक्रिया स्वरूप जन्मी सामाजिक एकता को जातीय कट्टरता मे परिवर्तित कर सामाजिक विभाजन द्वारा निर्बल करने की साज़िश के रूप मे देखा जाना चाहिये।
The subject is a matter of concern to somebody, anybody, or nobody, but as a layman, I am in a catch-22 situation, whether to stand with the policy encouraging the increase in birth rate or back the policy of population control. Worth pondering, isn’t it?
A population bill is required, taking into account the crucial factors mentioned here in the article, because no one wants our country to become like Afghanistan, Pakistan, or East Timor.
instead of resorting to law, efforts should be made for population control by taking measures like awareness campaign, raising the level of education, and eradicating poverty.
Population Growth लोगों की नासमझी है या ऊपर वाले की मर्जी? जो लोग सोचते हैं की अपने बच्चों को पालन सिर्फ वो ही कर रहे हैं, उन्हें न तो वास्तविकता का आभास होता होता है न ही राष्ट्र की सामाजिक और आर्थिक संरचना का! उनके साथ साथ राष्ट्र भी पालन का भार उठाता है!
We hope the government of India will be considering it as a priority to push the bills as soon as possible for better quality life of the citizens of India
एक बार फिर से चर्चे में आ गयी है जनसंख्या नियंत्रण कानून बता दे की 'विश्व जनसंख्या दिवस' के शुभ अवसर पर उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नई जनसंख्या नीति का ऐलान किया है.
बढ़ रही है जनसंख्या तो बढ़ने दो; आ रही है मुश्किले तो आने दो, अगर यह भीड़ गायब हो गई; तो पत्थर कौन फेंकेंगा, शहर कौन जलायेगा; धरने कौन देगा, बढ रही है आबादी तो बढ़ने दो
मानव जाति और संस्कृति की कतिपय समस्याएं विश्व में मानवों की जनसंख्या से ही सम्बंधित हैं। यदि जनसँख्या अनियंत्रित होकर बढ़ती रही तो संसाधनों का अभाव होगा और जीवन कठिन होता जायेगा।
जनसंख्या नियंत्रण कानून का उद्देश्य न केवल व्यक्तियों की संख्या की अनियंत्रित वृद्धि (जनसंख्या विस्फोट) पर नियंत्रण करना होना चाहिए, बल्कि जनसंख्या के अनियंत्रित आवागमन को रोका जाना शहरी क्षेत्रों में लोगों के बढ़ते केन्द्रीकरण को रोका जाना, तथा जनता के पर्याप्त आवास स्थान एवं स्वस्थ पर्यावरण भी करवाया जाना होना चाहिए।