CM Mamata's politics of senseless appeasement like opposing the CAA and appointing a Muslim cleric on Tarkeshwar Temple Board have created much discontent and disillusionment.
मता ने कभी देश की परवाह ही नहीं की, उनके लिए चुनाव जीतना ही हमेशा महत्वपूर्ण रहा। चुनाव जीतने के इसी लालच में उन्होंने बांग्लादेशी घुसपैठियों को भी पश्चिम बंगाल में आने दिया। न सिर्फ आने दिया बल्कि उनको बसाया भी।
कांग्रेसीयों को भी शर्मसार कर देने वाली मुस्लिम तुष्टिकरण की निती को अपनाकर दीदी ने संविधान के अनुच्छेद 14, 15, 19 व 21 की धज्जियां उड़ाते हुए सनातनधर्मीयों को बरबादी की ओर ढकेल दिया, यहाँ तक की बंगलादेशी घुसपैठियों का ताण्डव भी सनातनधर्मी सहने के लिये मजबूर हो गये!