Mr. Sharad Pawar objection to Prime-minister's visit of Ayodhya to shilanyas for construction of Mandir is the clear manifestation of loosing the battle to grab political power for at least another twenty years.
चूंकि वामपंथी अराजकता का समर्थन करते हैं और उनका मानना है कि वर्तमान में जो तंत्र, जो व्यवस्था देश में है वह भ्रष्टाचार से लिप्त है और इसे उखाड़ कर फेंक देना चाहिए और नये सिरे से साम्यवादी सिध्दांतों के साथ नया तंत्र बनाना चाहिए।
जो कल तक कहा करते थे,राम मंदिर बनाएंगे लेकिन डेट नहीं बताएंगे उनके लिए आज काफी बुरी खबर है क्योंकि राम भक्तों के द्वारा भव्य राम मंदिर का निर्माण शुरू कर दिया गया है।
बाबर विदेशी हमलावर, हमारा शत्रु था। बाबर के संबंध में गुरु नानकदेवजी ने कहा है, बाबर का राज माने पाप की बारात। उस बाबर ने मंदिर तोडा, उस बाबरी ढांचे के लिए चिल्लाना यह अराष्ट्रीयता है।
जिस देश को अपने इतिहास से, अपनी संस्कृति से जुड़ाव नही होता, उनकी उड़ान बुलबुले सी होती हैं। ऐसी मानसिकता वैसे ही लोगों में होती हैं, जिनकी जड़ें खोखली होती हैं।
Rana Ayyub, not being any different, again indulges in cheap rhetoric and omits key facts to present a completely one-sided, and often non-factual, narrative.
One of the prime promises in the BJP manifesto, which the ‘other side’ has always taunted as as a ‘false promise’, when it became a reality, they were unable to digest it.