Recently, the University Grants Commission (U.G.C) chief, requested the universities to allow students to write their examinations in the local language, even if, the course is offered in English medium.
Is English truly so superior that it should supplant local languages all across the world? Lets examine the reasons for and against English as a medium of education in greater depth.
१. सामाजिक तिरस्कार २. न्याय ना मिलना ३. शिक्षा ना मिलना ४. नौकरी ना मिलना ५. बैंक इत्यादि सामाजिक सुविधाओं का लाभ ना मिलना। ये सभी दोष नए रूप में पनप रहे जातिवाद अधिक प्रचण्ड मात्रा में है। और इस जातिवाद का नाम है , अंग्रेजी भाषा का हर क्षेत्र में प्रयोग।
It must be kept in mind that every language is equal and as important as other. It is not only Tamil’s duty but also ours to preserve this ancient language.
यदि हम इसी तरह भाषाई मामलों पर तल्खी लाते रहे तो वह दिन दूर नहीं जब भारत के हालात भी यूरोप जैसे हो जाए। इसलिए एक स्थायी देश के निर्माण के लिए समाजवाद और राष्ट्रवाद दोनों जरूरी हैं, भाषाई विवाद नहीं।