A cursory look at these so-called categories of caste discrimination by Equality Labs is enough to understand that Hindus in the United States are being unjustly framed and targeted using the weapon of caste.
Hindu kids in India, barring a few exceptions, grow up without any such indoctrination. Religion remains as an unimportant appendage in their growing age. Hindu community in general and familial elders in particular also remains non-engaged with their kids in the question of Hinduism, its philosophy and teachings.
कश्मीर को शांत वादियों में बदलना है तो उसे अस्सी के दशक में मौजूद रहे जनसंख्या के मूल ढांचे में लाना ही पड़ेगा। इसके अलावा बाकी सारे उपाय फौरी तौर पर तो सफल हो सकते हैं, लेकिन वह लंबे समय तक कारगार नहीं हो पाएंगे।
The disempowering Triple Talaq and Article 370 have been abrogated. Article 370 was extremely discriminatory to the Kashmiri women and it has been rightly abrogated.
आज जब हिजाब के खिलाफ आवाज उठाने वाली छात्रा हो या लाउडस्पीकर पर अजान का न्यायसम्मत विरोध करने वाली महिला हो या फिर इसके समर्थन में उतरी एक अन्य छात्रा हो, इनके समर्थन में महिला अधिकारों की बात करने वाले उपर्युक्त किसी उदारवादी संगठन की कोई आवाज क्यों नहीं सुनाई दी।
Unfortunately, the average Hindu finds little presence in the academia and intelligentsia, which has ever trivialized the sufferings of the Hindus. The world knows of the injustices perpetrated upon the Jews and rightfully acknowledges them, but it knows not of the injustices perpetrated upon the Hindus
मंदिरों को स्वतंत्र कराना, गौहत्या पर रोक लगवाना, विद्यालयों में हिन्दू धर्म की शिक्षा को आरंभ कराना, सरकारी योजनाओं में हिन्दुओं के प्रति भेदभाव को समाप्त कराना, अभद्र टिप्पणियों की रिपोर्ट करना इत्यादि अनेकों समस्याएं विद्यमान हैं। इन समस्यायों से छुटकारा पाने लिए यह बहुत आवश्यक है कि हिन्दुओं को इनकी समाप्ति के उपाय एवं उनकी कानूनी प्रक्रिया का ज्ञान हो।
After all the advantage Muslims have had in India, they don’t seem to be content, especially now that the current government is trying to equalize the status of all Indians irrespective of their religion.