Wednesday, November 27, 2024

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Hindus ashamed of Hindu rituals

संस्कृति के अस्तित्व का संघर्ष और सनातन की तैयारी

दीपावली से रक्षा बंधन तक सनातन संस्कृति के समस्त पर्व निशाने पर हैं।सनातन संकृति आज अपनी उद्भव भूमि पर ही अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रही है।

Who is responsible for the current challenges India is facing as a nation?

We are losing our identity. We are allowing people to question the existence of Bhagwan Shree Ram. Some goons destroy a temple of Mata Durga, and we do nothing about it.

पितृसत्तात्मक समाज से वामपंथी नारीवादियों का महायुद्ध

यदि समाज इतना ही पितृ सत्तात्मक था तो ब्रह्म वादिनी स्त्रियाँ कहाँ से आयीं? यदि समाज इतना ही पितृ सत्तात्मक था तो शंकराचार्य और मंडन मिश्र के शास्त्रार्थ का निर्णायक भारती को क्यों बनाया गया?

कब तक चुप रहूँ

आर्यभाषा को कहके दूषित और कर्कश आर्यभाषी को कहके असभ्य "तहजीब" की बाजारू खिचड़ी की पूजा करने वाले; बाल्यकाल से आर्यभाषी हूं! कब तक चुप रहूं?

वटवृक्ष कथा और प्राइम का वेबसिरीज ‘पाताल लोक’

आमेजन प्राइम पर हाल में ही एक वेब सिरीज रिलीज़ हुआ है ‘पाताल लोक’। इस वेब सिरीज़ में एक कुतिया का नाम ‘सावित्री’ रखा गया है।

वट (सती) सावित्री के बहाने नारीवादी चर्चा

एक स्त्री जो अपने निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र है, लिए गए निर्णय पर अडिग रहना जानती है, निर्णय का कुछ भी परिणाम हो उसे स्वीकार करने के लिए प्रस्तुत है, अपने प्रेम के लिए राजमहल को त्याग वन को जा सकती है, अपने प्रिय की प्राणरक्षा के लिए सीधे यमराज से टकराने का साहस और विजयी होने का सामर्थ्य रखती है क्या वो स्त्री निरीह या अबला हो सकती है?

“Pride” of India: “Shame” of Bharat

After white masters, our brown masters ensured that the newly freed slave population is blind to their culture and adopts it's oppressors as their forefathers. ensuring that the local history is removed from history books.

हिंदू: बेबस या डरा हुआ

जिन्होंने अपनी पहचान छोड़ी हैं वह हमेशा मिट गया, क्या हुआ फारस का? मिस्र की संस्कृति अब कहाँ सिर्फ पिरामिडो में? माया सभ्यता क्यों नहीं अब? जिन्होंने समझौता किया वो मिट गए, क्या ये सिलसिला अब भारत में नहीं चल पड़ा

A non intellectual Hindu perspective

After all the advantage Muslims have had in India, they don’t seem to be content, especially now that the current government is trying to equalize the status of all Indians irrespective of their religion.

Dear Hindu! Stop giving justification to everyone

Accept your identity and declare your existence. There is no need to hide our folklore, traditions and Sanatan under the cover of science.

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