स्वयं चिंतन ,स्वयं संगठन , स्वयं क्रिया , स्वयं पुरुषार्थ , तथ्यों से आगे कर्मबोध तक जाना है अन्यथा हिंदुओं की लुटिया खुद हिंदुओं को ही समयचक्र में पुनः पुनः डूबना है ।
The precise planning, the in-depth study of various ethnic groups, the economics of these people, and their belief system by Christian missionaries is a thing to worry about.
We need to fight the war of misinformation unleashed against us, and at the same time, proactively fight against those, who insult us without any instigation, within the rule of law.
2014 के बाद देश कई तथाकथित राष्ट्र्वादी पत्रकार मैदान में उतरे हो जिसे उस बहुसंख्यक समाज ने ये मौका दिया जो तथाकथित महा उदारवादी पत्रकारों की न्यूज के व्यूज को गलत मान कर भी थाली में सरकाई रोटी खा रहा था।