As long as we keep reading our scriptures with a colonial or leftist mindset, we will never understand the difference between Dharma and Adharma. It is about the blatant misuse of power against the weak, what exactly happened in case of Sadhvi Pragya.
अगर यह कट्टरपंथी सोच किसी धार्मिक ग्रन्थ से आ रही है तो तत्काल ऐसी शिक्षा पर रोक लगनी चाहिए और यदि यह सोच उन धार्मिक शिक्षाओं को न समझ पाने की वजह से उत्पन्न हो रही है तो उन शिक्षाओं को समझने लायक सरल शब्दों में बदलना चाहिए।
कांग्रेस को प्रज्ञा के चुनाव लड़ने पर ऐतराज़ नहीं है, उसे खौफ अब इस बात का है कि अब उसकी सभी साज़िशों का पर्दाफाश होने वाला है. इस खुलासे के बाद जनता कांग्रेस की क्या हालत करेगी, उसका अंदाज़ा लगाना मुश्किल नहीं है.
It seems that the Glasnost speech of Bhagwat did create some confusion among the Believers and it has been the catalyst for his renewed call to Back To Basics on VijayaDashmi.