TOPIC
Dying Journalism
पत्रकारिता; कल, आज और कल
पत्रकारिता मर नहीं रही है वह अपना स्वरूप बदल रही है अब वह दूसरे आयाम में जा रही है। कल की पत्रकारिता बीत चुकी है, आज की पत्रकारिता चल रही है और विकसित हो रही है और कल की पत्रकारिता अभी बाकी है।
The changing nature of journalism is changing with the times
According to the time and according to the thinking of the people, journalism has changed its nature.
Standard of journalism seems to be falling day by day
If present-day journalism is to be defined, then it can be termed as an undertaking to vigorously spread the continuous sequence of selling human sensibilities.
Deterioration of journalism for the channel’s TRP is a matter of concern
Indian channels have been making their place in the TRP race in the past. After the recent terrorist attacks in Jammu and Kashmir and subsequent airstrikes by India on terrorist bases in Pakistan, the manner in which most of the channels tried to incite war hysteria has become a global rage.
If you hate someone ask them to become a journalist
We, the Journalists of India, hereby pledge that we will always consider ourselves above the Law, and that our version of the truth will be the final one.
स्वच्छ, स्वस्थ व सकारात्मक नागरिक पत्रकारिता: इस समय की बड़ी आवश्यकता
नागरिक पत्रकारिता लोकतांत्रिक अभिव्यक्ति का वह मंच है जिसके माध्यम से पत्रकारिता के विभिन्न मूल्यों को दृष्टिगत रखते हुए उपलब्ध संसाधनों का प्रयोग करके किसी भी विषय को अधिकाधिक लोगों तक पहुंचाया जाता है।
पत्रकार मनदीप पूनिया के प्रति मेरी घोर संवेदनाएं है!
मनदीप पूनिया एक पात्र है और ऐसे हजारों छात्र देश के हर विश्वविद्यालय में ट्रैप में फंसते हैं। व्यवस्था विरोध में फेक न्यूज की फैक्ट्री ही नहीं नक्सली भी बनते हैं। वो वैचारिक जोम्बी बनकर अपने आला का हुक्म बजाते हैं। फिर जोम्बिज का श्रृंखला बनता ही रहता है।
Why I don’t want my son to become a journalist
About how social media folks are countering the lies of the mainstream media.