Is it not bewildering that the Congress spokespersons mechanically touted the ‘political conspiracy’ hypothesis, yet again? For INC and the Gandhis are not to blame.
The Congress Party cannot compete with present BJP, a well-oiled, 24/7 vigilant party, with its part-time politicians that go on holidays and sabbaticals whimsically.
हमारे कांग्रेसी बंधू इस मुद्दे पे किस मुँह से बोल रहे है? अकेले नेहरू चचा और शाही परिवार के नाम पे २३ से ज्यादा स्टेडियम और १९ खेल पदक है। इसी वंशावली में ऐसे प्रधानमंत्री भी हुए, जिन्होंने खुद को ही "भारत रत्न" दे डाला।
आपको इस बौद्धिक पिछड़े के लिए कहीं बेवकूफी मिले, तो इसको इत्तला करें, वैसे उसके दरबारी पत्तलकार और चाटुकार इसे सदी की महानतम लव स्टोरी बता वैलेंटाइन वीक का मजा ले रहे हैं।
आपने इतिहास की किताबों में लार्ड लिटन के तुगलकी फरमान वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट के बारे में सुना होगा. उस एक्ट के बाद पहली बार ऐसा अकस्मात आदेश आया जब अखबारों को कुछ भी छापने से पहले अनुमति लेनी थी. कई अखबारों ने इस शक्ति के सम्मुख घुटने टेकने बेहतर, बंद होना सही समझा.
सोनिया माँ इटली की थी। कलियुग में राक्षस इनके चरित्र पर सवाल कर रहे हैं। अपशब्द कह रहे हैं। और क्याप्सन में लिखा गया है "अभी भी देश में राक्षस जैसी सोच ज़िंदा है, सीता माँ हम शर्मिंदा है"।
भाजपा, कांग्रेस, आप और बसपा ये सब बाद में हैं पहले ये सनातन हिन्दू धर्म है, इस भारतवर्ष का अस्तित्व है। इनकी रक्षा करने वाले का साथ दीजिए, इनके विकास की बात करने वाले का साथ दीजिए। जो पार्टी आज तक अपना अध्यक्ष नहीं बदल सकी वह भारतवर्ष के भाग्य को क्या बदल पाएगी और यह भी संभव है कि आने वाले समय में कांग्रेस का अस्तित्व ही न रहे।
Instead of patriotism and nationalism, the party men largely express and exhibit Sonia-ism and dynasty-ism and that is why the party is degenerating day by day.
The big question before Indians is that should we need such congress party in India that mocks, giggle and snigger at Hinduism by allowing some of its leaders to criticize Shastra pooja to Rafale?