We aren't divisive, but believe in Vasudaiva Kutumbakam and are tolerant enough to live and let live with us the invaders, colonisers and the archaical system.
It is our responsibility as citizens to weigh in on controversial issues, but we must do so with an open mind and free conscience, rather than blindly echoing the chorus of naysayers.
कन्याकुमारी में ही स्थित एक चर्च के पादरी हैं जिनका नाम है Mr. P George Ponnaiah. इस पादरी ने अरुमनाइ नामक स्थान पर एक और क्रिश्चियन स्टेन स्वामी के मौत के अवसर पर ईसाइयो और हिंदुओ कि एक सभा को जुलाई, २०२१ में सम्बोधित करते हुए, भारत माता, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी, गृह मंत्री श्री अमित शाह जी और वंहा कि देवी "भू माता" के बारे में अत्यंत अपमानजनक और धार्मिक भावनाओं कप आहत करने वाली बातें कहीं थी और पूरे जोश में कहा था कि हम सबको ईसाई बनाएंगे और कोई भी हिन्दू इसे रोक नहीं पायेगा।
उत्तरप्रदेश सरकार की यह क़ानूनी पहल स्वागत योग्य है, क्योंकि यह सभी मतावलंबियों को समान रूप से किसी धर्म को मानने या दूसरे धर्म को अपनाने की पारदर्शी-विधिसम्मत प्रक्रिया सुनिश्चित करती है।
Here is why Uttar Pradesh Prohibition of Unlawful Conversion of Religion Ordinance, 2020 is complying with the orders of Hon’ble Allahabad High Court. This Ordinance is Constitutional, legal and valid Ordinance and it is establishing the soul of Articles 14, 15, 19 and 21 of the Constitution of India.
से तो संघ और विहिप के द्वारा ये मुद्दा अनेक वर्षों से उठाया जा रहा है लेकिन अभी हाल ही के दिनों में ये देश का एक चर्चित मुद्दा बन गया, जब मध्यप्रदेश ने इस पर कानून बनाकर इसे लागू कर दिया तथा सभी भाजपा शासित राज्य इस पर कानून बनाने की प्रक्रिया में है।
The precise planning, the in-depth study of various ethnic groups, the economics of these people, and their belief system by Christian missionaries is a thing to worry about.
In her most stunning feat Mrs Natarajan held that the right to propagate one's religion under Article 25 includes the right to convert. She outdid even Father Dominic Emmanuel in her zeal to advocate conversions.