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aatmnirbhar bharat
Corona: Lessons to learn
We as an Indian need to support and promote our own industries and businesses to change the socio economic scenario and create global footprints.
पराक्रम दिवस, कुछ ऐतिहासिक तथ्य और नेताजी से प्रेरणा पाता आत्मनिर्भर भारत
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज ‘आत्मनिर्भर भारत’ की ओर अग्रसर हो रहा देश बार बार नेताजी से प्रेरणा पाता है। उन्होंने कहा कि आज हम स्त्रियों के सशक्तिकरण की बात करते हैं नेताजी ने उस समय ही आज़ाद हिन्द फौज में ‘रानी झाँसी रेजिमेंट’ बनाकर देश की बेटियों को भी सेना में शामिल होकर देश के लिए बलिदान देने के लिए प्रेरित किया।
Revision of India’s history for building an Aatmanirbhar Bharat
soumita -
It is highly probable that ancient Indians were not simply primitive people who sat inside their huts and caves with chisel and hammers. Surely they would have been specialized people who were experts in architecture, machining, metallurgy, and even world explorations.
Atmanirbhar is not merely Swadeshi- Here is why
nakulp -
India today stands on the cusp of a potential transformation in the way in which it produces and consumes. Irrespective of the political ideologies people may follow, it is worth to look at the ‘Atmanirbhar Bharat’ movement from an economic perspective.
Aatmnirbhar Bharat, special economic package and the response
For the first time in the history of independent India, politicians are losing money rather than making money during a crisis or a calamity or lets say an act of god. At first, the government cut their salaries by 30% and then suspended MPLADS which is 5 crore per year per MP.
Going global; staying local- A thought experiment, protecting success
Ut -
We might need a new parameter, like metric system to define economic development and all the terms associated with it, which can be understood by anyone.
आत्मनिर्भर भारत पैकेज का पांचवां और अंतिम भाग: शिक्षा, स्वास्थ्य और व्यापर सुगमता को समर्पित
पैकेज के पांचवें और अंतिम भाग में ग्रामीण रोजगार, स्वास्थ्य, शिक्षा, व्यापर सुगमता और राज्यों को साथ लेकर चलने से सम्बंधित सुधार प्रस्तुत किये गए।
आत्मनिर्भर भारत पैकेज का चौथा भाग: कूटनीतिक एवं ऊर्जा क्षेत्र के उन्नयन को समर्पित
जिन क्षेत्रों में संस्थागत, नीतिगत और निवेश आधारित सुधारों की बात की गई है वो सभी अति महत्व के क्षेत्र हैं। जहाँ एक ओर कोयला, खनिज और ऊर्जा क्षेत्र रोजगार निर्माण एवं अवसंरचना विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं वहीं अंतरिक्ष, परमाणु और उड्डयन जैसे क्षेत्र भारत की आत्मनिर्भरता के लक्ष्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
आत्मनिर्भर भारत अभियान की सबसे महत्वपूर्ण आवश्यकता: पैकेज का तीसरा भाग, कृषि एवं सम्बद्ध क्षेत्र का विकास
आत्मनिर्भर भारत का स्वप्न तब तक साकार नहीं हो सकता जब तक कि भारत के गाँव और कृषि व्यवस्था सुदृढ़ नहीं होती। इसी आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए आत्मनिर्भर भारत पैकेज में कृषि एवं सम्बद्ध गतिविधियों के लिए एक बड़ा हिस्सा समर्पित किया गया है।
20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज पूरा गणित।
यह आर्थिक पैकेज इस प्रकार से डिज़ाइन किया गया है कि तात्कालिक रूप से यह कोरोना वायरस के संकट से लड़ने का प्रयास करेगा और दीर्घकालिक समयावधि में भारत के आत्मनिर्भर बनने और विश्व में अग्रणी स्थान अर्जित करने का मार्ग प्रशस्त करेगा।