Opinions
बौद्ध मत की वो बातें, जो बताई नहीं जाती
कोई कॉमरेड और नवबौद्ध आपको देवराज इंद्र से जुड़ी हुई ये बातें नहीं बताएगा. वास्तविकता तो यह है कि बौद्ध ग्रंथों में देवराज इंद्र का उतना ही वर्णन है, जितना हिन्दू ग्रंथों में मिलता है.
Why only certain lives matter?
ankit -
An opinion piece calling out the hypocrisy of anti-establishment propaganda-driven leftist politics targeting the silent majority in India and US by means of violence and false narrative
SATYAN NASTI PARO DHARMA: An answer to Fatima Khan
Crypto-coded language used by writer is indicative of the fact that the involved forensic expert is biased, his report can be directed against one community and union HM is probably a partition .
क्यूँ भारत में मार्क्सवाद कभी सफल नहीं हो पाएगा
Shwetank -
मार्क्सवाद का भारत में असफल होने का एक अन्य कारण उसका क्रूर स्वभाव है. समाज के समक्ष अहिंसा की दुहाई देने वाली यह वामपंथी विचारधारा वास्तव में अत्यंत क्रूर एवं वीभत्स है.
मंदिर को नष्ट करके जमीन हडपने की साजिश
भारत में लगातार मुस्लिम, वामपंथी, कांग्रेस, ईसाई चर्च के द्वारा के द्वारा ये कोशिश की जा रही है की मंदिर पे कब्ज़ा करके उस जमीन को हथिया लिया जाये या उस मंदिर को मजार में बदल दिया जाये, जम्मू कश्मीर में 1 हज़ार से भी ज्यादा मंदिर तोड़े गए हैं और उसमे से बहुत को मुस्लिम स्थल में बदल दिया गया है।
अतार्किक होते हुए भी क्यों प्रचलित है जातिवाद
इस समाज को यदि जातिवाद के जाल से निकलना है तो, इतिहास को सही परिप्रेक्ष्य मे पढ़ाना होगा, सभी जन मानस को समान समझना होगा और पुत्र मोह को त्यागना होगा, तभी हम एक सभ्य समाज कि रचना कर सकते है जिसकी कल्पना हमारे पूर्वजों ने की थी।
भारत-चीन पर राहुल का सवाल
भारत ही नेहरू के नेतृत्व में पहला गैर साम्यवादी जनतांत्रिक राज्य था जिसने जनवादी कम्युनिस्ट चीन को मान्यता प्रदान की. नेहरू उस दौर में चीन को लेकर इतने रोमांटिक (कल्पनावादी) हो गए थे कि तिब्बत पर चीन का आधिपत्य स्वीकार कर लिया. पर जब 1962 में चीन ने भारत पर हमला किया तो नेहरू की विदेश नीति चौपट हो गई थी.
What to believe?
Our forefathers never had the EXISTENTIAL CRISIS moment this generation is having. They were too busy getting themselves out of subpar life they were in that they never had time to ask these questions or time for that matters.
आजादी मिली सिर्फ भारत के लेफ्ट में
हमें तो आप के इतिहासकारों ने इस बात की भी आजादी नहीं दी की हम महाराणा प्रताप, वीर शिवाजी के बारे में किताबों में पढ़ सके उसमें भी तो आपने भारत पर अत्याचार और चढ़ाई करने वालों की जिंदगी के बारे में लिख दी कि वो ही इस महान देश के कर्ता धर्ता थे।
एक मुख्यमंत्री जो भली भांति जानता है कि संकट को अवसर में किस प्रकार परिवर्तित करना है: भारत के सर्वाधिक लोकप्रिय मुख्यमंत्री के प्रयासों...
भारत के इन सेक्युलर, लिबरल और वामपंथियों को यह रास नहीं आया कि भगवा धारण करने वाला एक हिन्दू सन्यासी कैसे भारत के सबसे बड़े राज्य का प्रशासक हो सकता है। लेकिन यह हुआ।