Saturday, April 20, 2024

Hindi

वो इधर की उधर लगाने वाले विदूषक कब बन गए, पता चला क्या?

अपने इतिहास के प्रति हमारी अरुचि, अनभिज्ञता और अनास्था ने आदि प्रजापति ब्रह्मा के मानस पुत्र देवर्षि नारद, जिनके लिए श्रीमद्भागवत गीता में स्वयं श्री कृष्ण कहते हैं मैं देवर्षियों में नारद हूँ को आज एक अधम विचार वाले, परिवारों को नष्ट करने वाले व्यक्ति के रूप में घटिया चुटकुलों का नायक बना दिया है.

गज-हत्या पे आक्रोशित हो तो दंगा-अभियुक्त को आजादी दो

राणा अय्यूब जी के हैं। उनके वाशिंगटन पोस्ट में प्रकाशित लेख जिसका हिंदी अनुवाद कुछ इस तरह है "हाथी के क़त्ल की आलोचना करने वाले और अश्वेतों के जीने के अधिकार की बात करने वाले पाखंडी हैं क्योंकि "कश्मीर तेरे खून से इंकलाब आएगा" जैसे नारों के माध्यम से नौजवानों को दंगे के लिए भड़काने वाली सफूरा जरगर के लिए क्यों नहीं रो रहे हैं।

दिल्ली के रंग फीके..

कोरोना जैसी घातक चीनी महामारी से दो चार रही दिल्ली को तंज कसने का मन नहीं था मेरा. पर जब दिल्ली में बिलखते चेहरों और सुन्न पड़ी लाशों के सामने डकार मारते 'आम आदमी' को देखता हूँ, तो कलेजा कांप जाता है.

दिल्ली के मालिक का डैमेज कंट्रोल?

टीवी पर आकर रोज भाषण देना और जमीन पर काम करना दोनो ही अलग बात है; खुद गाजियाबाद में थे और मालिक बन बैठे दिल्ली के अब दिल्ली में बस दिल्ली वालों का इलाज होगा।

बिना सेंसर का भारत

हमें भी एक जिम्मेदारी लेनी होगी किस चीज का कितना प्रयोग किया जाए। किसी चीज को आदत बनने से पहले उसपे रोक लगाई जाए। आसपास के लोगो को भी थोड़ा समझाया जाए। समय का सदुपयोग भी बहुत जरूरी है।

बैंगलोर: कन्नड़ फिल्म अभिनेता चिरंजीवी सर्जा का निधन, फिल्म इंडस्ट्री में शोक की लहर

अभी पिछले सदमों से तो उभरे ही नहीं थे कि आज एक और सदमा लग गया. कन्नड़ फिल्म अभिनेता चिरंजीवी सर्जा का सिर्फ 39 साल की उम्र में दिल का दौरा पड़ने से बैंगलोर के निजी अस्पताल में निधन हो गया.

कानून सजग नागरिकों के प्रति उत्तदाई होता है

मंदिरों को स्वतंत्र कराना, गौहत्या पर रोक लगवाना, विद्यालयों में हिन्दू धर्म की शिक्षा को आरंभ कराना, सरकारी योजनाओं में हिन्दुओं के प्रति भेदभाव को समाप्त कराना, अभद्र टिप्पणियों की रिपोर्ट करना इत्यादि अनेकों समस्याएं विद्यमान हैं। इन समस्यायों से छुटकारा पाने लिए यह बहुत आवश्यक है कि हिन्दुओं को इनकी समाप्ति के उपाय एवं उनकी कानूनी प्रक्रिया का ज्ञान हो।

यूट्यूब और कॉमेडी के मंच से लिब्रान्डुओं और वामपंथियों का हिन्दू विरोध का नया धंधा

भारत एक ऐसा धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र जहाँ हिन्दुओं के विषय तो कुछ भी कहा जा सकता है किन्तु मुसलमानों और ईसाईयों के विषय में कुछ कहना तो दूर सोचना भी अपराध है। संविधान द्वारा प्रदान की गई पूरी फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन मात्र हिन्दू धर्म और सनातन में पूज्य देवी-देवताओं पर अभद्र टिप्पणियां करने में उपयोग में लाई जाती है।

कब तक चुप रहूँ

आर्यभाषा को कहके दूषित और कर्कश आर्यभाषी को कहके असभ्य "तहजीब" की बाजारू खिचड़ी की पूजा करने वाले; बाल्यकाल से आर्यभाषी हूं! कब तक चुप रहूं?

सब याद रखा जायेगा

कहां थी ये निष्पक्षता; जब हुए जवान शहीद थे.. कहां था पर्यावरणवाद; बकरे वाली ईद पे

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