Saturday, April 20, 2024

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लोकतंत्र तो अधिकार देता है पर उदारवादी नहीं

आज जब हिजाब के खिलाफ आवाज उठाने वाली छात्रा हो या लाउडस्पीकर पर अजान का न्यायसम्मत विरोध करने वाली महिला हो या फिर इसके समर्थन में उतरी एक अन्य छात्रा हो, इनके समर्थन में महिला अधिकारों की बात करने वाले उपर्युक्त किसी उदारवादी संगठन की कोई आवाज क्यों नहीं सुनाई दी।

रोशनी एक्ट ने कश्मीर के जिहादियों की पोल खोली

2001 में तत्कालीन फारुख अब्दुल्ला की नेशनल कोन्फ्रेंस सरकार रोशनी एक्ट के नाम से एक बिल लेकर आई। उस बिल के अनुसार जम्मू में शरणार्थियों को उस जमीन पर कब्जा दिया जाएगा, जिस जमीन पर वो रह रहे थे।

कब तक सामने आते रहेंगे प्यारेमियाँ जैसे चरित्र?

क्या प्यारेमियाँ को दंडित करने मात्र ही समस्या का हल है? क्या प्यारेमियाँ अकेला अपराधी है? ऐसे अनेक सवाल हैं जो एक समाज के रूप में हमें स्वयं से पूछने ही चाहिए।

चीन और पाकिस्तान को नहीं हुआ घी हजम: भारत और अमेरिका ने दिया कायम चूर्ण

भारत और अमेरिका जैसे जिन मालिकों ने इन्हे घी पिलाया अब वही इन्हे कायम चूर्ण भी दे रहे हैं फिर चाहे वो व्यापार बैन करने वाले कायम चूर्ण हों या फिर गलवान घाटी में चीनियों को दिया गया भारतीय कायमचूर्ण, या फिर बालाकोट में पाकिस्तान को दिया गया कायमचूर्ण।

आज के भारत की महाभारत

हर बार चीन ही भारत की सीमा पर हलचल की पहल क्यों कर जाता है? इसका जवाब 2013 में कॉन्ग्रेस सरकार के रक्षा मंत्री एंटनी ने दिया था, "आजादी के बाद से ही सीमावर्ती इलाकों में रोड इसलिए नहीं बनाईं गई क्योंकि भारत की सरकारों को डर था कि अगर चीन ने सीमा पर तैनात भारतीय जवानों को मार भी दिया तो भी वह खराब रास्तों की वजह से भारतीय क्षेत्र में ज्यादा अंदर नहीं घुस पाएगा!"

दक्षिण पूर्व एशिया- संबंध और संघर्ष

अमेरिका का बढ़ता प्रभाव दक्षिण पूर्व एशिया के लिए, और ख़ास कर भारत के भविष्य को ले के अच्छा है?

स्वदेशीकरण की महत्ता

परन्तु वर्तमान समय में पुनः स्वदेशीकरण की आवश्यकता क्यों महसूस हुई है? इसका मुख्य कारण विश्वभर में फैली कोरोना वायरस की महामारी जिसने विश्व की सप्लाई चेन की व्यवस्था को बुरी तरह प्रभावित कर दिया।

सुशांत सिंह राजपूत के लिए इंसाफ की गुहार

जब एक तरफ सुशांत सिंह राजपूत जैसी बड़ी हस्ती के लिए आम लोग इंसाफ की गुहार करते थक नहीं रहे हैं, वहीँ दूसरी तरफ सरकार और बॉलीवुड दिगज्जों की तरफ से कोई भी आवाज़ नहीं आ रही है, ऐसा क्यों?

वामपंथ: “अ” से लेकर “ज्ञ” तक

चूंकि वामपंथी अराजकता का समर्थन करते हैं और उनका मानना है कि वर्तमान में जो तंत्र, जो व्यवस्था देश में है वह भ्रष्टाचार से लिप्त है और इसे उखाड़ कर फेंक देना चाहिए और नये सिरे से साम्यवादी सिध्दांतों के साथ नया तंत्र बनाना चाहिए।

गेहलोत के विरोध के बावजूद भी पार्टी में लाना चाहते है पायलट को राहुल गांधी

पायलट काफी लम्बे समय से कांग्रेस से जुड़े हुए थे और राजस्थान के युवाओ का उनको समर्थन भी बहुत अधिक है जिसके कारण यह गेहलोत के लिए आने वाले समय में एक बहुत बड़ी चुनौती बन सकते है।

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