Saturday, April 20, 2024

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बासुरी स्वराज ने आदरणीय CJI चंद्रचूर्ण जी की बासुरी बजा दी

CJI चंद्रचूर्ण जी की इस बेचैनी, इस परेशानी और इस कदर उत्तेजित भावना का देखकर ऐसा लगा की कंही कालेजियम सिस्टम लोकतंत्र का शिलभंग हि ना कर दे। 

मै पत्थर हुँ, मुझे खुन पिने वाला मलेच्छ ना बनाओ

आज आवश्यक है कि हर घर से बच्चे छत्रपति शिवाजी महाराज, महाराणा प्रताप, गुरु गोविंद सिंह, भगवान बिरसा मुंडा, रानी लक्ष्मी बाई, रानी दुर्गावती और शुभाष चंद्र बोस जैसे महानायकों और महान विरंगनाओं से शिक्षा ग्रहण करें, स्व श्री लाल बहादुर शास्त्री, स्व श्री बाळासाहेब ठाकरे, स्व श्री केशव ब हेडेगेवार, स्व श्री राम प्रसाद बिस्मिल और स्व श्री भगत सिंह के अचारों और व्यवहारों को समझे और उसे अमल में लाये।

क्या सिर्फ़ सत्ता के लिए राष्ट्र-खंडन भी मान्य हैं?

मोदी विरोध में अपने ही देश के सेना पर सवाल खड़े कर दिया था इन लोगों ने। सुरक्षाबलो पर बलात्कार का आरोप लगाना हो या बीएसएफ जवान का पतली दाल वाला नौटंकी सब साजिश का हिस्सा था। पूरी छवि बिगाड़ने की कोशिश की गई थी लेकिन पुलावामा हमले के बाद वही सीआरपीएफ के जवान इनके लिए राजनीतिक मुद्दा बन जाते है।

इस राष्ट्र की दो धाराएं

आज स्पष्ट रूप से आप देख सकते हैँ की इस राष्ट्र की दो धाराएं हैँ। पहली धारा जो भाजपा और आदरणीय प्रधानमंत्री जी के साथ है। दूसरी धारा जो भाजपा और प्रधानमंत्री जी के विरुद्ध है।

छत्रपति शिवाजी महाराज का हिंदवी स्वराज्य: गर्व से हिंदू

छत्रपति शिवाजी महाराज ने सभी बाधाओं के बावजूद, शक्तिशाली मुगलों के खिलाफ लड़ते हुए, दक्कन में हिंदू साम्राज्य की स्थापना की। उन्होंने जनता में गौरव और राष्ट्रीयता की भावना पैदा करके उन्हें मुगल शासक औरंगजेब के अत्याचार से लड़ने के लिए प्रेरित और एकजुट किया।

जम्मू कश्मीर के सबसे खूंखार अपराधी को सुप्रीम कोर्ट में ले आये

एक सामान्य से चोर को भी सर्वोच्च न्यायालय में पेश करने की आवश्यकता महसूस होती है तो सर्वप्रथम जेल प्रशाशन के द्वारा न्यायालय में एक प्रार्थना पत्र प्रेषित करना पड़ता है। उस पर सुनवाई करने के पश्चात ही सर्वोच्च न्यायालय कोई आदेश पारित करता है।परन्तु यंहा पर जिसकी बात हो रही है वो एक खूंखार दैत्य है, जो सैकड़ों मासूमों की अकाल मृत्यु का जिम्मेदार है। ऐसे भयानक मलेच्छ को बिना सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के और सुरक्षा की परवाह किये बिना सर्वोच्च न्यायालय में उपस्थित कराना निसंदेह एक अति गंभीर प्रश्न है, जो मंशा पर प्रश्न चिन्ह खड़ा करता है।

क्या ये न्यायिक प्रणाली (Judicial System) है?

देश के विभिन्न उच्च न्यायालयों में १०% न्यायधीशों को छोड़ दे तो बाकी बचे सभी कालेजियम सिस्टम की हि उपज हैँ। यदि आप अंग्रेजों की मानसिकता और सोच रखने वाले सिस्टम का हिस्सा हैँ, तो आप कुछ भी बन सकते हैँ, परन्तु आप सिस्टम में नहीं है तो आप कुछ भी करने लायक़ नहीं है।

राजनीति और धार्मिक भावनाओं के आपसी संबंध: कोई भी राजनीति भगवान को लेकर क्यों की जाती है

"कोई भी राजनीति भगवान को लेकर क्यों की जाती है" यह विषय भी इसी सिलसिले में सम्मिलित है। इस लेख में, हम इस रहस्यमयी सवाल के पीछे के कारण और धार्मिक भावनाओं के प्रभाव को गहराई से समझने का प्रयास करेंगे।

फ़्रांस को खा रहे, ब्रिटेन को खाने की पूरी तैयारी है, सावधान भारत वालो अगली बार तुम्हारी बारी है

ये यूरोप में ईसाइयों से लड़ रहे, इजराइल के यहूदियों से लड़ रहे, भारत के हिन्दुओ से लड़ रहे और इसके आलावा ईरान, सीरिया, जार्डन, व इराक इत्यादि देशो में खुद से हि लड़ रहे हैँ।

महाभारत से ‘भारत जोड़ो यात्रा’ का संदेश और लाभ

राहुल गाँधीकी भारत जोड़ो यात्रा से ध्यान में आया कि पांडवों ने और भी बहुत सारे काम नहीं किए थे। जैसे पांडवों ने पाकिस्तान नहीं बनने दिया, बांग्लादेश नहीं बनने दिया, पांडवों ने धारा 370 भी नहीं लगाई, पांडवों ने पूजा स्थल कानून (places of worship act 1991) भी नहीं बनाया जिससे हजारों मंदिरों पर अवैध कब्जा वैध हो गया, पांडवों ने संविधान में संशोधन करके 'सेकुलर' शब्द भी नहीं जोड़ा था। लेकिन कोई बात नहीं बाद में कुछ लोगों ने इन कामों को भी पूरा कर दिया।

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