“मै कांग्रेस के शासन काल में लगातार ५ वर्षो तक “पदम्श्री सम्मान” प्राप्त करने के लिए प्रयास करता रहा और प्रत्येक बार मेरे 12 हजार से साढ़े 12 हजार रुपये खर्च हो जाते थे, परन्तु हर बार मायूसी हि हाथ लगती थी। जब भाजपा की सरकार बनी तो मैने मान लिया कि अब तो सम्मान मिलना मुश्किल है, क्योंकि भाजपा एक इस्लाम को मानने वाले को पदम्श्री क्यों देगी। जब मेरे फोन की घंटी बजी और मुझे बताया गया कि मुझे पदम्श्री से सम्मानित किया गया है, तो मै अवाक रह गया, मेरे आँखों से आंसू निकलने लगे, नरेंद्र मोदी साहेब आपने मुझे गलत साबित कर दिया।” उक्त उदगार पद्मश्री का सम्मान प्राप्त करने वाले शाह रशीद कादरी ने सम्मान प्राप्त कर लेने के पश्चात आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी जी से हाथ मिलाते हुए कहा।
“बिद्री कला को जीवित रखने वाले ६४ रमजान देख चुके शिल्प गुरु शाह रशीद कादरी की बातों से स्पष्ट है कि वह कांग्रेस के लिए “साकारत्मक” और श्री नरेंद्र मोदी एवं भाजपा के लिए “नकारात्मक” सोच लिए बैठे हुए थे। उनके जैसे इस्लाम को मानने वाले लोगो की भाजपा के प्रति सोच ने न जाने कितने लोगों को भाजपा और श्री नरेंद्र मोदी का विरोध करने के लिए प्रेरित किया होगा और कांग्रेस राज में बारम्बार अपमानित महसूस होते हुए भी ना शिकवा और ना गिला किया।
ऐसे बहुत से इस्लामिक बुध्द्धजीवी हैँ, जो धीरे धीरे भाजपा और आदरणीय श्री नरेंद्र मोदी जी के प्रति अपने नकारात्मक सोच को परिवर्तित कर वर्षो से पाली गई आधारहीन बुराई को दूर कर रहे हैँ और भाजपा को हृदय से अपना रहे हैँ। कुछ अन्य इस्लामिक विद्वानों को भी पदम्श्री सम्मान मोदीराज में मिले हैं जिन्हे कांग्रेस ने अपने राज में पूछा तक नहीं, उनमे से कुछ के नाम निम्नवत हैँ:-
१:-महाराष्ट्र राज्य से श्री ज़ाकिर हुसैन (तबला वादक) पद्म विभूषण, कला के लिए; २:-राजस्थान से श्री अहमद हुसैन और श्री मौहम्मद हुसैन, कला के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए; ३:-उत्तर प्रदेश से श्री दिलशाद हुसैन, कला के क्षेत्र में योगदान देने के लिए; ४:- जम्मू कश्मीर से श्री गुलाम मौहम्मद ज़ाज़, कला के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने के लिए त्तथा ५:-गुजरात से श्रीमती हीराबाई इब्राहिम लोबी, समाज सेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने के लिए।
ये भारतीय जनता पार्टी हि थी जिसने मिसाइल मैन के नाम से सुविख्यात हम सबके चहेते डा अब्दुल कलाम को राष्ट्रपति बनाया, जबकी धर्मनिरपेक्षता का झंडा बुलंद करने वाली कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी पार्टियों ने उनका विरोध किया। ये भाजपा हि थी जिसने प्रथम परमवीर चक्र विजेता मेजर उस्मान की ख्याति में चार चांद लगाए। ये भाजपा हि थी जिसने शहनाई के जादूगर स्व श्री बिस्मिल्लाह खान को वो सम्मान दिया, जो कांग्रेस कभी सोच भी नहीं सकती थी। अब आप तनिक वर्ष २०२३ ई में पदम्श्री सम्मान से सम्मानित भारतीयों के नाम देखिये और बताइये कि क्या इनमें से एक, दो या ज्यादा से ज्यादा तिन व्यक्तियों के अलावा किसी को भी आप जानते हैँ:-
१:-कृष्णा पटेल, २:- श्री के कल्याणसुंदरम पिल्लई, ३:-श्री वी पी अप्पुकुट्टन पोडुवल, ४:- श्री कपिल देव प्रसाद, ५:- श्री एस आर डी प्रसाद, ६:- श्री शाह रशीद अहमद कादरी, ७:- श्री सी वी राजू, ८:- श्री बख्शी राम, ९:-श्री चेरुवायल के रमन, १०:- श्रीमती सुजाता रामदोराई, ११:-श्री अब्बारेड्डी नागेश्वर राव, १२:- श्री परेशभाई राठवा, १३:-श्री बी रामकृष्णा रेड्डी, १४:- श्रीमती मंगला कांति राय, १५:- श्री के सी रनरेमसंगी, १६:- श्री वदिवेल गोपाल और मासी सदाइयां(जोड़ी), १७:-श्री मनोरंजन साहू, १८:-श्री पतायत साहू, १९:-श्री ऋत्विक सान्याल, २०:-श्री कोटा सच्चिदानंद शास्त्री, २१:-शंकुरत्री चंद्र शेखर, २२:-श्री के शनाथोइबा शर्मा, २३:-श्री नेकराम शर्मा, २४:-श्री गुरचरण सिंह, २५:-श्री लक्ष्मण सिंह, २६:-श्री मोहन सिंह, २७:-श्री थौनाओजम चौबा सिंह, २८:-श्री प्रकाश चंद्र सूद, २९:-श्री निहुनुओ सोरही, ३०:-डॉ. जनम सिंह सोय, ३१:- श्री कुशोक थिकसे नवांग चंबा स्टेनज़िन, ३२:- श्री एस सुब्बारमन, ३३:-श्री मोआ सुबोंग, ३४:-श्री पालम कल्याण सुंदरम, ३५:-श्री रवीना रवि टंडन, ३६:-श्री विश्वनाथ प्रसाद तिवारी, ३७:-श्री धनीराम टोटो, ३८:-श्री तुला राम उप्रेती, ३९:-श्री डॉ. गोपालसामी वेलुचामी, ४०:-श्री डॉ ईश्वर चंद्र वर्मा, ४१:- श्री कूमी नरीमन वाडिया, ४२:-श्री कर्म वांग्चु (मरणोपरांत) और ४३:- श्री गुलाम मुहम्मद जाज! क्या हुआ मित्रों इस सूची में से एक या दो व्यक्तियों के अतिरिक्त आप किसी अन्य नाम से नहीं परिचित हैँ, क्योंकि ये वो सितारे हैँ जो शांति से अपना अमूल्य योगदान देते रहते हैँ और समाज को व्यवस्थित रखते हैँ।
प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत पूरे देश में जिन पसमान्दा मुसलमानो को अपना घर नसीब हुआ, वो प्रधानमंत्री के मुरीद हो गये। पसमान्दा मुसलमानो को केवल वोट बैंक मानकर उनका तुष्टिकरण करने वाली कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी पार्टियों ने कभी उनके विकास के बारे में सोचा हि नहीं, अपितु केवल उन्हें भाजपा और RSS का डर दिखाकर वोट लेते रहे और गरीबी की चोट देते रहे।
आज आयुष्मान योजना, उज्ज्वला योजना, स्वच्छता अभियान के अंतर्गत शौचालय योजना, जन धन योजना प्रधानमंत्री मुद्रा रोजगार योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, मनरेगा और हर घर नल योजना के अंतर्गत बिना भेदभाव के मिल रहे लाभों से पस्मान्दा मुसलमानो के मध्य प्रधानमंत्री और भाजपा की लोकप्रियता अकल्पनीय गति से बढ़ी है।
कोरोना काल के दौरान लगातार तिन वर्षों तक देश के ८० करोड़ लोगो को निशुल्क राशन बिना किसी भेदभाव के देने वाले यही प्रधानमंत्री हैँ। कोरोना की वैक्सीन, जिसके बारे में इन्हीं विपक्षी पार्टियों ने देश की जनता को भड़काने में कोई कसर नहीं छोड़ी पर इसी वैक्सीन ने पूरे देश को बचा लिया। और ये वैक्सीन भी सबको बिना किसी भेदभाव के दी गयी। परन्तु इस्लाम का यह भाजपा और प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी जी के प्रति तीव्र गति से बढ़ रहा विश्वास और स्वीकार्यता ना तो कांग्रेसियों को और ना चढ़ामधर्मनिरपेक्षता के झंडे तले गरीबी की चोट देने वाली पार्टियों को पसंद आ रहा है और वे चिढ़कर, खिझकर और बेचैन होकर मुसलमानो को भड़काने के कार्यों में अनवरत लगे हुए हैँ।
भारतीय इस्लाम के मानने वाले लोगो को यह ध्यान में अवश्य रखना चाहिए की पैगंबर मोहम्मद साहेब के शहर ने हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी जी को अपने देश के सर्वोच्च नागरिक का पुरस्कार दिया था, वो ऐसे हि नहीं था, अपितु पैगंबर मोहम्मद साहेब के देश और शहर वालो ने प्रधानमंत्री के नियत, व्यक्तित्व और वचन पर भरोसा करके हि उनका सम्मान किया। दुनिया के पचास से भी अधिक इस्लामिक देशो के संगठन द्वारा भी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र दामोदरदास मोदी जी के कथनी और करनी पर सम्पूर्ण विश्वाश प्रकट किया गया और इसीलिए पाकिस्तान के किसी भी रुदन और क्रन्दन पर ध्यान नहीं दिया।
आज प्रधानमंत्री जी के सुप्रयास का फल है कि “ट्रिपल तलाक” जैसी कुप्रथा सदैव के लिए समाप्त कर दी गयी और इस्लामिक बहु बेटियों का भविष्य कलंकित और बर्बाद होने से बच गया। ये भाजपा और प्रधानमंत्री जी का हि सुप्रयास था की सऊदी अरेबिया ने हज जाने वाले भारतीय इस्लामिक का कोटा बढ़ा दिया। आज एक इस्लामिक महिला अकेले भी हज करने के लिए जा सकती है। हमारे शास्त्रों में राज्य पर शासन करने वाले व्यक्ति अर्थात राजा के बारे में निम्न महत्वपूर्ण बाते कंही गयी हैँ:-
स्वाम्यात्यसु्हृत्कोशराष्ट्रदुर्गबलानि च। सप्तांगमुच्यते राज्यं तत्र मूर्धा नृपः स्मृतः।।५४
दृगमात्याः सु्हृच्छ्रोत्रं मुखं कोशो बलं मनः। हस्तौ पादौ दुर्गराष्ट्रौ राज्यांगानि स्मृतानि हि।।५५
अर्थ- स्वामी(राजा), अमात्यगण,मित्रवर्ग,कोष,देश,दुर्ग,सेना यह सात राज्य के अंग हैं इनमे राजा राज्यका मस्तक होता है। मंत्रिगण राज्यके नेत्र,मित्रवर्ग कर्ण,कोष मुख,सेना मन और दुर्ग तथा देश हाथ पैर हैं यह सब क्रम से राज्य के अंग हैं। यह उपरोक्त दोनों श्लोक राज्य के सात अंगों और उनमे राजा के स्थान का वर्णन करते हैं।राजा राज्य का मस्तक होता है। इस कारण राज्य का सबसे महत्वपूर्ण अंग राजा होता है। हालांकि हमारे प्रधानमंत्री अपने आपको प्रधानसेवक हि मानते हैँ और एक सेवक के रूप में हि देश पर शासन करते हैँ।
नरेशे जीवलोकोअयं निमीलति निमीलति। उदेत्युदयमाने च रवाविव सरोरुहम्।।४(अक्षयनीतिसुधाकर)
अर्थ – यह मनुष्य लोक नीतिपरायण राजाके अभाव से अवनति को प्राप्त होके अस्त हो जाता है। न्यायपरायण प्रजाहितैषी राजा का उदय होने से उन्नति को प्राप्त होता है। जैसे सूर्य उदय होने से कमल प्रकाशित होता है और सूर्य अस्त होने से कमल अस्त हो जाता है। हे मित्रों याद रखे बिना योग्य चालक के कोई वाहन गतिमान नहीं हो सकता या बिना योग्य वैद्य के रोगी का उपचार और स्वास्थ प्राप्ति संभव नहीं उसी प्रकार सम्पूर्ण राष्ट्र बिना योग्य शासक के उन्नति को प्राप्त नहीं हो सकता।
हमारा प्रधानमंत्री बिल्कुल उसी प्रकार का प्रधानसेवक है, जिसके शासनकाल में हमारा देश दिन दूनी रात चौगुनी उन्नति कर रहा है। हमारे देश के इस्लाम मानने वाले को उनके विकास के लिए कार्य करने वाली पार्टी भाजपा और उनके नेता प्रधानमंत्री को खुले दिल से स्वीकार करना चाहिए और अपना साथ, अपना विश्वाश और अपना सम्पूर्ण प्रयास देना चाहिए।