Thursday, April 25, 2024
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गोवा मुक्ति दिवस (Goa Liberation Day)

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संदीप कुमार
संदीप कुमार
संदीप दिल्ली के रहने वाले हैं. उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से बी.ए किया हुआ है. वे शौकिया तौर पर लिखने का काम भी करते हैं और एक ब्लॉगर भी है. उन्हें सामाजिक मुद्दों के साथ-साथ टेक्नोलॉजी एवं अन्य मुद्दों पर भी लिखना पसंद हैं।

गोवा मुक्ति दिवस प्रत्येक वर्ष 19 दिसंबर को मनाया जाता है, यही वह दिन है जब 1961 में भारतीय सशस्त्र सेनाओं के संयुक्त सैन्य अभियान के फलस्वरूप गोवा को पुर्तगालियों से आजादी मिली थी। बताया जाता है कि गोवा पर पुर्तगालियों का शासन लगभग 450 वर्षों से अधिक तक रहा और भारत को अंग्रेजों से स्वतंत्रता मिलने के 14 वर्षों के बाद गोवा पुर्तगालियों से मुक्त हुआ था।

गोवा पर पुर्तगालियों का कब्ज़ा

बताया जाता है कि भारत के लिए समुद्री रास्ते की खोज करते हुए वर्ष 1498 में वास्कोडिगामा और उसके कुछ साथी भारत के तट पर पहुंचे जिसके बाद पुर्तगालियों का भारत आना जारी रहा और 1510 में पुर्तगालियों द्वारा गोवा पर कब्जा कर लिया गया। पुर्तगालियों द्वारा गोआ को एशिया में पुर्तगाली शासित क्षेत्रों की राजधानी तक बनाया गया था। पुर्तगाल की प्रसिद्ध कहावत है जिसने गोवा देख लिया उसे लिस्बन (पुर्तगाल की राजधानी) देखने की आवश्यकता नहीं।

गोवा मुक्ति आंदोलन

गोवा मुक्ति आंदोलन में लोहिया जी का महत्वपूर्ण योगदान रहा उन्होंने ही वर्ष 1946 में गोवा (पंजिम) जाकर सविनय अवज्ञा की शुरुआत की और लोगों के मन में पुर्तगालियों के खिलाफ आंदोलन की चिंगारी भड़काई। हालांकि उन्हें वहां से गिरफ्तार कर लिया गया और भीड़ ने उन्हें बाहर निकलने का प्रयास किया जिसके बाद गोवा को Freedom of expression तथा Portugal को 3 महीने का नोटिस देकर लोहिया लौट आए। तीन महीने बाद उन्हें फिर से गिरफ्तार कर लिया गया और कैदी बनाकर रखा गया, बाद में महात्मा गाँधी जी के लार्ड बेवेल से लोहिया की रिहाई बात करने पर उन्हें गोवा-प्रवेश मनाही की शर्त पर रिहाई मिली।

गोवा की आजादी में Dr. Ram Manohar Lohia के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता।

गोवा मुक्ति दिवस क्यों मनाया जाता है?

गोवा 1961 में आज़ाद होने से पहले लगभग 450 सालों तक पुर्तगाली शासको के कब्जे में रहा, यहाँ तक की भारत की आजादी के 14 साल बाद भी यह पुर्तगालियों के आधीन रहा। भारत द्वारा लगातार बातचीत के बाद सैन्य हस्तक्षेप ही एकमात्र विकल्प बचा था। जिसके बाद भारत की सशस्त्र सेना ने ‘ऑपरेशन विजय‘ के तहत जल सेना, थल सेना और वायु सेना द्वारा पुर्तग़ालियों के पनाहगाह पर करीबन 36 घंटे तक लगातार धरती, समुद्र और हवाई रास्तों से हमले और बमबारी के परिणामस्वरूप पुर्तगाली सेना ने भारतीय सेना के समक्ष 19 दिसंबर 1961 को आत्मसमर्पण कर दिया। और इस तरह गोवा, दमन और दीव को पुर्तगाली परतंत्रता से मुक्ति मिल गई। तभी से हर साल 19 दिसम्बर को गोवा मुक्ति दिवस (Goa Mukti Diwas) यानि Goa Liberation Day (गोवा लिबरेशन डे) मनाया जाता है।

Goa के बारे में

गोवा भारत के पश्चिमी तट पर स्थित एक छोटा सा राज्य है जो 1961 में पुर्तगाली शासन से मुक्त हुआ। हालांकि 30 मई 1987 तक गोवा दमन एवं दीव को मिलाकर एक केंद्र शासित प्रदेश था जिसे इससे अलग करके भारत का 25 वां राज्य घोषित किया गया। गोआ राज्य का कुल क्षेत्र 3702 वर्ग किलोमीटर है इसमें उत्तरी गोवा और दक्षिणी गोवा के रूप में 2 जिले शामिल हैं यहां की कुल आबादी 1.82 मिलियन है। गोवा के वर्तमान मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत और राज्यपाल पीएस श्रीधरन पिल्लई है।

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संदीप दिल्ली के रहने वाले हैं. उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से बी.ए किया हुआ है. वे शौकिया तौर पर लिखने का काम भी करते हैं और एक ब्लॉगर भी है. उन्हें सामाजिक मुद्दों के साथ-साथ टेक्नोलॉजी एवं अन्य मुद्दों पर भी लिखना पसंद हैं।
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