आज पूरे देश में मजदूरों की स्थिति बहुत ही दयनीय है। जहां देखो वहीं पर मजदूर पैदल अपने आशियाने की तरफ जा रहे हैं। भूखे प्यासे और उनके बिलखते हुए बच्चे। क्या यह सब चीजें सरकारों को नहीं दिखती क्या राज्य सरकारे इस स्थिति से निपटने में विफल रही हैं
अगर हम पहले से ही मजदूरों के लिए कोई ठोस नीति तैयार किए होते तो आज यह स्थिति नहीं देखने को मिलती। अब मजदूरों के लिए हर सांसदों, विधायकों और जनप्रतिनिधियों से आशा की जानी चाहिए कि वे अपने विधान सभा क्षेत्र के लिए गाड़ियों का बंदोबस्त कर दे। जहां पर स्थिति ज्यादा गंभीर है वहां पर केंद्र सरकार को तत्काल कड़े कदम उठाने चाहिए जिससे कि स्थिति नियंत्रण में आ जाए।
महाराष्ट्र जैसे राज्य में तुरंत राष्ट्रपति शासन लगाना चाहिए जिससे कि स्थिति आने वाले समय में और ना बिगड़े और लॉक डाउन को आगे ना बढ़ाना पड़े। लॉक डाउन आगे बढ़ाने का मतलब है मजदूरों की स्थिति और दयनीय होती जाएगी जिससे कोविड-19 से मरने वालों से ज्यादा संख्या अव्यवस्था से मरने वालों की जाएगी।