जैसा की हम सब जानते है की इस वक़्त हमारा देश बोहोत बड़ी समस्या से जुझ रहा है और वो समस्या है कोरोना वायरस, हमारे देश की सरकार से जों बन पड़ रहा है वो कर रही है और उचित कदम उठाये गये है और लगातार हालातो के अनुसार उठाये जा रहे हैं, इस मुश्किल घड़ी में हम सबको अपने देश और सरकार के साथ खडे होना चाहिये, अब चाहे हम किसी भी चुनावी पार्टी में विश्वास रखते हो किसी भी विचारधारा को मानते हो क्योंकि अब यह हमारा कर्तव्य ही नही हमारा फर्ज है और फर्ज कर्तव्य से बडा होता हैं।
मगर अभी भी ऐसे काफी लोग है जो सरकार को उल्टा सीधा कह रहे है और सरकार दुआरा उठाये गये कदमो का विरोध कर रहे हैं, इस वायरस का जो फेलाव हो रहा है उसका जिम्मेदार सरकार को मान रहे है और उन सभी लोगो में अपनी बात को मनवाने के लिये तर्क़ जो दिया जा रहा हैं वो ये भी है की सरकार के पास इस वायरस से लड़ने के लिये पर्याप्त धन और सुविधाये है और इन सबके होने के बावजूद सरकार लोगो से पैसे की मांग क्यों कर रही है, उनका इसके लिये तर्क़ ये है की सरकार पैसा खा रही है पैसा अरबो खरबो इकट्ठा हो चुका है और सरकार पैसा खा रही है। उनका कहना यह भी है की पहले से अगर सरकार सतर्क होती या कदम पहले ही उठा लिये होते तो आज यह हश्र ना होता देश का, अब आप देखिये की जब विश्वभर में अपनी स्वास्थ्य सेवाओ के लिये जाना जाता है इटली, अमेरिका जैसे विकसित देशो का हाल आप देख ही रहे होंगे, वे तक इसको संभालने में नाकामयाब रहे है तो हम तो भारत हैं, फिर उन सभी लोगो के तर्को को देखकर सुनकर समझकर अब मै इन लोगो को Psychopath कहू तो गलत नही होगा क्योंकि अपनी पार्टी विशेष या अपनी वामपंथी विचारधारा में वे इतना अंदर तक डूब चुके है की वे सब लोग कुछ भी सुनने समझने को तैयार नही है। और ऐसी सोच या ऐसे तर्क़ देने वाले सिर्फ कोई बड़े नेता हो या कोई सेलिब्रिटी हो यह जरुरी नही है, मेरे संज्ञान में भी ऐसे कई करीबी लोग है जो यही बाते बोल रहे है।
मेरा तो सभी से यही निवेदन है अपने आंख कान खुले रखे और देखे समझे परखे आपको खुद ब खुद दिखेगा की सरकार ने हर वो प्रयास किये है जो किये जाने चाहिये थे और लगातार देशवासियो की जान बचाने के लिये कर रही है। और यह सब बाते मै किसी पार्टी विशेष को दूसरो से अच्छा दिखाने के लिये या किसी बड़े नेता के समर्थन में नही कह रहा हू, हम उसके साथ है जो भारत के हित में बात करेगा, भारत के हित में काम करेगा, भारत के बारे में सोचेगा और वर्तमान में जो प्रधानमंत्री है वो सोच रहा है, कर रहा है। और हम भारतवासियो को अपने प्रधानमंत्री से और क्या चाहिये।
इस वायरस को हम सब मिलकर हरा सकते है ऐसा कहना अभी के लिये तो सही नही है क्योंकि अभी तक इस कोरोना वायरस की कुछ भी दवा ना बनी है ना मिली है, लगातार प्रयास जारी हैं, तो हम अपने आप को इस संक्रमण से बचाने का प्रयास कर सकते है घर पर रहकर। इतने सरकार कहे की घर पर ही रहना हैं, घर पर ही रहो और घर पर ही रहना इस वक़्त सबसे बडा राष्ट्रधर्म है जो हम सबको निभाना चाहिये। अभी के लिये बच ही सकते है, हरा नही सकते।
((घर पर रहे, स्वस्थ रहे, सुरक्षित रहे))
मयंक बामल.