छत्रपति शिवाजी महाराज ने सभी बाधाओं के बावजूद, शक्तिशाली मुगलों के खिलाफ लड़ते हुए, दक्कन में हिंदू साम्राज्य की स्थापना की। उन्होंने जनता में गौरव और राष्ट्रीयता की भावना पैदा करके उन्हें मुगल शासक औरंगजेब के अत्याचार से लड़ने के लिए प्रेरित और एकजुट किया।
Bhārata has been blessed with many able and powerful rulers. Music, literature, and science were developed during their reign. The Mauryas and the Marathas stand out in particular, for these empires had a vision for India and the fortitude to bring that into actuality.
Chhatrapati Shivaji Maharaj didn't choose to become 'being human' kind of human. He took his sword and quenched it's thirst by the blood of Islamists and hoisted the Jeet Ka Bhagwa.
Shiv Jayanti is not 19th February as the government wants us to observe, but Falgun Kr'shna 3 as the society wants to celebrate. And here is what difference it makes.
शिवाजी का उदय केवल एक व्यक्ति का उदय मात्र नहीं था, बल्कि वह जातियों के उत्साह और पुरुषार्थ का उदय था, गौरव और स्वाभिमान का उदय था, स्वराज, सुराज, स्वधर्म व सुशासन का उदय था और इन सबसे अधिक वह आदर्श राजा के जीवंत और मूर्त्तिमान प्रेरणा-पुरुष का उदय था।
छत्रपति शिवाजी महाराज अप्रतिम योद्धा, कुशल रणनीतिकार और सामाजिक रूप से वसुधैव कुटुंबकम के प्रणेता थे। उनकी महान सोच और उनकी दूरदृष्टि ने मराठा साम्राज्य की नींव डाली जिसने संख्या में कम होने के बाद भी दक्कन में निज़ाम और उत्तर में मुगलों को लालकिले ही हद तक सीमित कर दिया था।