क्रिमिनल्स का victimisation एक गम्भीर समस्या है। और ये सब सिर्फ वर्तमान के विवाद की समस्याएं नहीं हैं, ये राष्ट्र के भविष्य के चरित्र निर्माण की समस्याएं हैं। ये प्रश्न करती हैं कि आप अपनी अगले पीढ़ी को कैसे नायक देना चाहते हैं।
रियाज़ टेलर का बेटा था। टेलर का बेटा तो हमारे भी गांव में है। लेकिन वह तो आतंकी नहीं बना। उसकी भूख ने तो उसे हथियार उठाने के लिए मजबूर नहीं किया। वह क्यों पढ़लिखकर आईएएस बना।
तथाकथित बुद्धिजीवी ऐसी घटनाओं की प्रतीक्षा में रहते हैं जिससे ये राष्ट्र की छवि धूमिल कर सके। ये एक एजेंडे के तहत कार्य करते हैं। नागरिकों को अपने दायित्व को समझना होगा व आवेश में कानून का उल्लंघन करने से बचना होगा।
Monobina Gupta, Managing Editor of The Wire, has exclusively written a piece assessing the possibility of linguistic 'Bangla nationalism' the key driver leading to the creation of Bangladesh, as a counter to what she calls 'Hindi-Hindu nationalism'.
Kamal Hassan's recent statement on Nathuram Godse being the first terrorist of Independent India who was a Hindu, is a reflection of the mindset that prevailed till a few years back.
Where the EPL has started Remembrance Day where they honor all soldiers who fought, even much unpopular Iraq war. And here we honor Pulwama victims then they make it a joke. The mainstream journalist of this country are becoming out of touch with reality.
It seems Ms. Roy is hell bent upon reminding the world that how India should not act against terrorism and accept its fate as the perpetrators have nuclear arms.