Why is the definition of feminism so shallow that a woman would support another woman ONLY if her agenda is met? Are we giving the right environment to our future generations?
उदारवादी और वामपंथी महिला समूहों ने ऐसा वातावरण बनाने का प्रयास किया मानो, ब्रा स्ट्रैप छुपाने के लिए टोका जाना ही आज की लड़की के जीवन की सबसे बड़ी समस्या है।
सेना शायद राजनीतिक, मीडिया या सामाजिक दबाव में महिलाओं को रियायत दे भी दे, मगर क्या मुश्किल समय और सेना की कठोर नौकरी में आने वाली कोई आपातकालीन स्थिति हमको कोई रियायत देगी?
यदि समाज इतना ही पितृ सत्तात्मक था तो ब्रह्म वादिनी स्त्रियाँ कहाँ से आयीं? यदि समाज इतना ही पितृ सत्तात्मक था तो शंकराचार्य और मंडन मिश्र के शास्त्रार्थ का निर्णायक भारती को क्यों बनाया गया?
These facts regarding Devi Sita suggest explicitly that, we must avoid being highly judgmental regarding her because she is sufficiently competent to prove herself unequivocally.
एक स्त्री जो अपने निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र है, लिए गए निर्णय पर अडिग रहना जानती है, निर्णय का कुछ भी परिणाम हो उसे स्वीकार करने के लिए प्रस्तुत है, अपने प्रेम के लिए राजमहल को त्याग वन को जा सकती है, अपने प्रिय की प्राणरक्षा के लिए सीधे यमराज से टकराने का साहस और विजयी होने का सामर्थ्य रखती है क्या वो स्त्री निरीह या अबला हो सकती है?