जार्जिया नामक देश ने हिन्दुफोबिया के विरुद्ध एक क्रांतिकारी कदम उठाया है। इस क्रांतिकारी कदम पर चर्चा करने से पूर्व आइये जार्जिया के बारे में थोड़ी जानकारी प्राप्त कर लेते हैँ।
सनातन धर्म का विरोध करने वाले तथा जन्म से सनातनी पर कर्म से वामपंथी हमारे एक मित्र हैं, और अक्सर हमारे जैसे सनातनी के साथ वो शास्त्रार्थ के लिए आते रहते हैं और इस बार उन्होंने भारतवर्ष और संविधान को मुद्दा बनाया।
आपने हमारे और हमारे वामपंथी मित्र के मध्य हुए शास्त्रार्थ का प्रथम अंक आपने पढ़ा जिसमे हमने अपने वामपंथी मित्र को "धर्म " क्या है, इसके संदर्भ में अत्यंत अकाट्य और ज्ञानवर्धक जानकारी दी अत: अब इस अंक में हम "पंथ" के विषय में चर्चा करेंगे।
आजकल एक २७ वर्षीय सनातनी संत कि खूब चर्चा प्रिंट मिडिया और इलेक्ट्रानिक मिडिया में हो रही है। "अन्ध विश्वास निर्मूलन समिति" के नाम पर सनातन समाज से वैमनस्य रखने वाले भाड़े के टट्टूओ को मोहरा बना कर विधर्मी समूहो ने उन्हें किसी ना किसी प्रकार अपने षड्यंत्र का शिकार बनाने की कार्ययोजना पर अमल करना भी शुरू कर दिया है।
Most of the Indian Hindus are unaware of the assault that Hinduism has been subjected to from the followers of three ‘exclusive dogmas’, viz: Christian evangelism, Islam and Communism.
Sanatan Dharma also teaches Dharma Himsa Tathaiva Cha, which means ‘so too is violence (appropriate) in the service of Dharma’. Thus, Left-Liberal-Islamist-Woke cabal should stop meddling with Sanatanis.