Wednesday, November 27, 2024

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coronavirus

Normalcy vs complacency- A choice or a risk

One's complacency is what shall decide one's own safety and well being and that of one's family and peers

कोरोना संकट और देश के वर्तमान हालात: कुछ आशाएँ, कुछ उम्मीदें

लॉकडाउन में ढील शुरू हुई है लेकिन संकट अभी टला नहीं है, इस बात का हमें लगातार ध्यान रखना है।

Living in fear- the Corona fallout

It has become easier to know "How NOT to save yourself from Covid" than "How to save yourself from Covid"… because of unlimited flow of Do's and Dont's!

[व्यंग]-72वे गणतंन्त्र दिवस पर प्रधानमंन्त्री मनमोहन सिंह का राष्ट्र के नाम सम्बोधन!

सोनिया जी और राहुल जी की अध्यक्षता (महरबानी) मनमोहन सिंहजी ने देश को एक नयी दिशा प्रदान कराई

Homage: A letter to 2020

Have a good last few days 2020. You were truly one of a kind. Take a bow. And yes, we won’t miss you.

कोरोना वायरस : विश्व राजनीति के बदलते आयाम

अब आगे क्या? सरकारों द्वारा नागरिकों की सुरक्षा की दृष्टि से लगाए गए ‘प्रतिबन्ध’, जाहिर तौर पर ‘नियंत्रण’ में बदल जायेंगे और इसी कड़ी में सरकार को हमेशा आड़े हाथों लेने वाले मानवाधिकार संगठनों में तेज हलचल पैदा होगी तथा वे सरकार के प्रति और अधिक मुखर हो उठेंगे.

Time to reconsider our medical services

It is the necessity of the moment to reconsider our health services and induct more convenient norms to make this sector vital so that a tax-payer can take a bit of taste of his own money.

Corona virus and ransomware parallels

Striking similarities between two viruses- One is hazardous for human body and another for computers and internet security.

Gendered social impact of the COVID-19 pandemic

The negative aspect of the current lockdown is that traditional gender roles get magnified in times of crisis.

बिहार: कोरोना,बाढ़ और चुनाव

मौर्यकालीन बिहार जो उस समय देश का सबसे शक्तिशाली और समृद्ध क्षेत्र हुआ करता था, आचार्य चाणक्य ने कल्पना भी नहीं की होगी कि विदेशी आक्रांता और देशी राजनीति उनके बिहार को गरीबी, अशिक्षा, बीमारी, अपराध, भ्रष्टाचार और जातिवाद से इस तरह संक्रमित कर देगी।

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