Monday, November 4, 2024

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Arvind Kejriwal U-Turn

पढ़े लिखे भ्र्ष्टाचारी का शिशमहल

काले कारनामे को छिपाने के लिए वो भ्र्ष्टाचारी पढ़ा लिखा अनपढ़ केंद्र सरकार द्वारा लाये गये "दिल्ली सेवा बिल" के विरोध के लिए गली गली भटक कर समर्थन जुटा रहा था, और यही नहीं जिन लोगों को भ्र्ष्टाचारी बताकर उनको जेल भेजने की बात करने वाला आज उनकी ठोकरों में पड़ा समर्थन करने की भीख मांग रहा है।

जब रावण ने पूछा- कहां हैं मेरे हस्ताक्षर?

लंका में सब और मेरे फोटो हैं, होर्डिंग्स, बसें, मेट्रो, समाचार पत्र, टीवी, मीडिया सब जगह मेरा चेहरा है किंतु यदि फाईलों में कुछ गलत हुआ है तो दिखा कहां मेरा नाम है और कहां मेरे हस्ताक्षर हैं? हाहा हाहा हाहा..........

केजरीवाल सरकार के नाक के नीचे पी.डब्लू.डी द्वारा सड़क निर्माण में घोटाला

राजधानी दिल्ली में जहा अरविन्द केजरीवाल जी की सरकार है उसकी नाक के नीचे पी.डब्लू.डी द्वारा सड़क निर्माण में हो रहे घोटाले से सामाजिक कार्यकर्त्ता और आम नागरिक सकते में हैं.

6 सालों में ही केजरीवाल का राजनीतिक पतन और राष्ट्रीय राजनीति का अंत

केजरीवाल के पिछले कुछ सालों की राजनीति और फैसलों को देखें तो स्पष्ट होता है कि केजरीवाल ने खुद को दिल्ली तक सीमित रखने का फैसला कर लिया है। वरना केजरीवाल की शख्सियत रही है आरोप- प्रत्यारोप, मोदी विरोध, और फ्री आधारित राजनीति।

Arvind Kejriwal: The man who lost his path

AAP was formed to fight entry of criminals in politics but same party has topped the list of parties with most criminals getting tickets in 2020 Delhi election. Out of 70, 36 candidates of AAP have serious criminals cases against them which is far greater than the rival parties BJP and INC.

Delhi’s Bermuda Triangle

Arvind Kejriwal sold a concept, an idea that says "we the common people of India are capable enough to understand the intricacies of the system; understand how different entities like different departments/authorities interact with each other" .

Delhi: Collateral damage for nation building

Delhi is the collateral damage the country is bearing to usher Indian Democracy back to a two party democracy with a strong sensible opposition. 

Chota Modi, Hauman Chalisa et al

Why Kejriwal is so important and why Delhi win is being blown out of proportions?

Kejriwal teaches tough lessons to Modi & Shah

Kejriwal had popular support where the votes mattered. Modi had populist appeal which did not sway the Aam Aadmi, as emotive appeals had a limit to their remit.

Inferences from Delhi elections

AAP won handsomely 62 out of total 70 seats, not by any innovative idea, but by taking a leaf out of PM- Modi's own welfare measures that had given a spectacular victory to

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