Tuesday, November 26, 2024
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Prashant Bajpai

Women and we men

Since the practice of co-leveling men and women by the concept of feminism doesn’t seem sensible, especially in a country like India because any social and religious ritual is incomplete without the presence of women in our country.

चाईनीज मानसिकता पर प्रहार

सवाल ये है कि हम चाइनीज सामान लेना बंद कर सकते हैं पर ये चाइनीज मानसिकता वाले होनहारों से कैसे निपटा जाये जिनका लक्ष्य सिर्फ भारत और भारतीयता को कोसना ही है।

ज़रूरत कम, दिखावा ज्यादा

जो कुछ भी दिख रहा अथवा हो रहा है, सब किसी न किसी उद्देश्य या जरुरत को पूरा करने के लिए है। इंसान जो भी करता है, किसी आवश्यकता को पूरा करने के लिए या तो किसी स्वार्थवश ही करता है, चाहे वह कितना भी इस बात को नकार दे।

हिंदी की व्यथा..

हिंदी का खो गया अभिमान, भारत में अंग्रेजी है अब, पढ़े-लिखों की पहचान l बोलकर अंग्रेजी, होता है बड़ा गुमान, हिंदुस्तान में हिंदी, खो चुकी सम्मान l

Unity in Diversity: A different perspective

Unity in diversity doesn't belong to a mass of various communities but our Sanatan Culture is itself an live instance of it.

COVID-19, एक शांतिपूर्ण युद्ध

यह एक ऐसी जंग है जो सिर्फ घर पर बैठकर और सोशल डिस्टैन्सिंग से ही जीती जा सकती है। हमें ये 21 दिन स्वयं को व अपने परिवार को ही देने हैं तथा सरकार का पूरा सहयोग करना है।

कौन जिम्मेदार…?

अपराधों में संलिप्त लोगो के साथ वह समाज भी उतना ही जिम्मेदार होता है जो छेड़खानी, लड़के-लड़कियों की आवारागर्दी और सरेराह बेशर्मी जैसी घटनाओं को सामान्य समझकर नज़रअंदाज़ करता है,और फिर बलात्कार होने के बाद पूछता है की कौन जिम्मेदार....?

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