Saturday, May 4, 2024
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Nagendra Pratap Singh

An Advocate with 15+ years experience. A Social worker. Worked with WHO in its Intensive Pulse Polio immunisation movement at Uttar Pradesh and Bihar.

न्यायालय या कानून के आधार पर फैसले देने वाले सरकारी कार्यालय

हर आदमी ये सोचता है कि न्यायालय से उसे न्याय मिलेगा परन्तु क्या न्यायालय कि शरण में जाने पर उसे वाकई न्याय मिलता है या फिर न्याय कि आस में वर्षो न्याय के दरवाजे पर दस्तक देते देते उसकी उमर निकल जाती है पर उसका केस उसके मरने के बाद भी जिंदा रहता है और कोर्ट या अदालतो में वैसे हि अकारण तारीखें पड़ती रहती हैं।

बच्चे बने जिहादियों के नए हथियार: बुर्किना फासो

क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि एक १२ वर्ष का बच्चा जो शायद ८ वी कछा का छात्र होगा, वो अपने हांथो में भयानक हथियार लेकर एक गाँव में घुसे और अपने समान जीवित लोगों पर गोलीयाँ बरसाते हुए मारने लगे। उस बच्चे कि मानसिक स्थिति क्या होगी?

आखिरकार रुबिया सईद अपहरण कांड एक राजनीतिक साजिश साबित हो ही गया

जम्मू कश्मीर के अलगाववादी नेता हिलाल अहमद वार के द्वारा "The Great Disclosures Secrets Unmasked", शीर्षक से लिखित पुस्तक में उन तथ्यों का सिलसिलेवार खुलासा किया गया।

नारदा स्टिंग ऑपरेशन और तहलका

क्या आपको कुछ नाम याद हैं जैसे तरुण तेजपाल या तहलका आदि? नहीं, शायद याद रखना मुश्किल है लेकिन अब हम एक शर्ट के धागे को उधेड़ने जा रहे हैं जो पुरानी है लेकिन फिर भी सार्थक और फायदेमंद है।

पहले आसिफा के नाम पर बदनाम करने की कोशिश और अब आरिफ के नाम पर

इस बार वामपंथी अमानुषों ने दिल्ली (एनसीआर) के ग़ाज़ियाबाद में स्थित सनातन धर्मियो के सबसे पवित्र स्थलों में से एक शिवशक्ति धाम डासना मंदिर को निशाना बनाया है।

मोदी से ज़्यादा योगी से क्यों भयभीत है आतंकी?

अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर जो विपक्ष प्रधानमंत्री को अंधाधुंध गलियों की बौछार करता है वही उस विपक्ष में किसी की औकात नहीं की वो योगी जी को एक गाली दे दे, वो नहीं देंगे, क्योंकि वो जानते है 24 घण्टे के अंदर उन पर मुकदमा होगा औऱ अगले ही कुछ दिनों में वे जेल में होंगे।

कब तक विरोध प्रदर्शन के नाम वतन के साथ गद्दारी को बर्दाश्त करते रहेंगे हम

लोकतंत्र और असंतोष साथ साथ चलते है, लेकिन असंतोष व्यक्त करने वाले प्रदर्शनों को अकेले निर्दिष्ट स्थानों पर होना चाहिए।

ब्लैक लाइव्स मैटर तो “व्हाइट लाइव्स मैटर” क्यों नहीं?

राष्ट्रवादी अमेरिकीयों के सपने को चुनाव में धाँधली के जरिये चकनाचूर कर देने वाले उन सफेदपोशों नें ब्लैक लाइव्स मैटर के नाम पर हुए दंगो को सही ठहराने की कोशिश की पर वही लोग नीचता की पराकाष्ठा को पार करते हुए अमेरिकी संसद पर हुए राष्ट्रवादीयों को शांतिपूर्ण आंदोलन को घरेलू आतंकवाद की उपमा दे रहे हैं।

चीन की मक्कारी व अहंकार को चूर करता अमेरिका का “तिब्बतियन निति व् समर्थन अधिनियम २०२० (Tibetan Policy and Support Act)”

इतिहास गवाह है की राजनीतिक दृष्टि से तिब्बत कभी चीन का अंग नहीं रहा। ७ वीं शताब्दी तक मध्य एशिया के एक भू-भाग पर तिब्बत का आधिपत्य रहा। चीन का तिब्बत के साथ सम्बंध ७ वीं शताब्दी में हुआ, वह भी चीन की पराजय के रूप में।

चीन में उइगुर मुसलमानों के कीड़े मकोड़ो से बदतर हालात पर इसलामी राष्ट्रों की घातक चुप्पी

आइये उइगुर मुसलमानों की लाचारी व चीन के द्वारा उनको दी गयी नर्क से भी बदतर और सड़ी गली जिंदगी पर एक दृष्टि डालते हैं।

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