Saturday, April 20, 2024
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Nagendra Pratap Singh

An Advocate with 15+ years experience. A Social worker. Worked with WHO in its Intensive Pulse Polio immunisation movement at Uttar Pradesh and Bihar.

मैं बुल्डोजर और मुझ पर एक योगी की कृपा

अब मैं बुल्डोजर आज आपको अपनी उत्पत्ति की कहानी बताता हूँ!

हमारा संविधान खतरे में है, हमें संविधान को बचाना है

प्रश्न ये है विपक्षी नेता और उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओ को ही केवल दिखाई दे रहा है की "संविधान खतरे में है" पर आम जनता को तो जैसे लगता है इसमें कोई दिलचस्पी ही नहीं है या फिर वो अच्छी तरह समझती है की संविधान खतरे में नहीं बल्कि भ्रष्टो का भ्रष्टाचार खतरे में है, लुटेरों का लूट खसोट खतरे में है, माफियाओ की माफियागिरी खतरे में है, गुंडों की गुंडागर्दी, दंगाइयों के दंगे फसाद, हुड़दंगियों का हुड़दंग और दलालो की दलाली खतरे में है।

कांग्रेस द्वारा २२८४२ करोड़ के घोटाले का महापाप

भारतीय स्टेट बैंक की एक शिकायत पर, सीबीआई ने हाल ही में एबीजी शिपयार्ड, उसके निदेशकों और एबीजी इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड पर २८ बैंकों के एक संघ को कथित तौर पर २२८४२ करोड़ रुपये का नुकसान करने के लिए मामला दर्ज किया है और ये घोटाला इस समय सुर्ख़ियों में है और इसी के साथ एक बार फिर कांग्रेस का भ्रष्टाचारी काला और भयानक चेहरा सामने आ गया है, आइये देखते हैं कि ये घोटाला कैसे और किस प्रकार किया गया।

आधार कार्ड बनाम निजता का अधिकार भाग -2

इस अंक में हम देखेंगे की श्री के एस पुट्टस्वामी (सेवानिवृत न्यायधीश) के रिट याचिका पर क्या निर्णय दिया गया।

आधार कार्ड बनाम निजता का अधिकार भाग -१

आधार संरचना पर हमले की अगुवाई करने की पहल याचिकाकर्ताओं, अर्थात् न्यायमूर्ति के.एस. पुट्टस्वामी (सेवानिवृत्त) और श्री प्रवेश खन्ना, के नेतृत्व में वर्ष २०१२ में एक रिट याचिका (सिविल) संख्या ४९४ /२०१२ दाखिल करके की गई। उस समय, आधार योजना विधायी छत्र के अधीन नहीं थी अर्थात इसके लिए किसीभी प्रकार  के अधिनियम या संहिता को विधायिका के द्वारा पारित और लागू नहीं किया गया था।

राष्ट्रवाद और राष्ट्रवादी क्यों जरूरी है?

यूक्रेन कि जनता भौतिक सुख सुविधाओं का भोग करने कि इतनी आदत हो चुकी है, कि उनके लिए ना तो राष्ट्र का कोई मतलब है और ना राष्ट्रवाद से कोई लेना देना। उन्हें इस बात की परवाह हि नहीं रही की युक्रेन उनका अपना देश है वो केवल इसे मिट्टी का एक टुकड़ा भर समझते रहे।

क्या आप जानते हैं कि भारत का संविधान हस्तलिखित है?

आपको इस तथ्य से अवगत होने में आश्चर्य महसूस होगा कि पूरे संविधान को लिखने के लिए किसी भी उपकरण का इस्तेमाल नहीं किया गया था अपितु दिल्ली के रहने वाले स्व श्री प्रेम बिहारी नारायण रायजादा ने अपने हाथों से इटैलिक शैली में इस विशालग्रंथ, अर्थात संपूर्ण संविधान को लिखा था।

कांग्रेस का गठन एक षड्यंत्र: भाग -२

ईंदिरा या ईंडिकेट कांग्रेस के लोगो ने मान लिया की अब परिवार की खुशामदगिरी मे ही राजनितिक भविष्य है और इस तरह लोकतंत्र लगभग खत्म हो गया! उधर ओरिजिनल कांग्रेस का सिंडिकेट कांग्रेस अपने अंतीम पड़ाव पर धिरे धिरे पहुँचने लगी।

कांग्रेस का गठन एक षड्यंत्र

आरंभिक दिनो मे इस पार्टी का उद्देश्य ब्रिटेन से भारत की आजादी की लड़ाई लड़ना नहीं था। कांग्रेस का गठन देश के प्रबुद्ध लोगों को एक मंच पर साथ लाने के उद्देश्य से किया गया था ताकि देश के लोगों के लिए नीतियों के निर्माण में मदद मिल सके। क्रांतिकारीयों के गतिविधियों का पता लगाया जा सके और उनके आंदोलन को कूचला जा सके।

मनमोहन सिंह का एक और पाप जो राष्ट्र के साथ धोखा था

प्रधानमंत्री श्री मनमोहन सिंह के १० वर्षो के कार्यकाल में जितने घोटाले और भ्रष्टाचार हुए उतने तो पूरी कांग्रेस ने मिलकर उससे पहले के ४५ वर्षो में भी नहीं किये थे और एक तरह से घोटालेबाजी और भ्रष्टाचार के साथ साथ मनमोहन सिंह के नेतृत्व में राष्ट्र के साथ सबसे बड़ा धोखा किया गया था जिसे हम एंट्रीक्स-देवास डील के नाम से जानते हैं।

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