Friday, April 19, 2024
HomeHindiएक पत्र सभी भारतीय सांसदों एवं सभी राज्यों के विधायकों के नाम

एक पत्र सभी भारतीय सांसदों एवं सभी राज्यों के विधायकों के नाम

Also Read

आदरणीय सभी सांसद एवं विधायक,

बहुत दिन से किसान-किसान-किसान सुने जा रहा हूँ। आजकल हर किसी को किसानों की बहुत चिंता हो रही है। तो यह देख कर मन में कौतूहल वश कई सवाल आ रहें है। जैसे की वो चिंता तब कहाँ होती है, जब उन किसानों पर लाठियाँ बरसाई जाती है। वो चिंता तब कहाँ जाती है जब उसी किसान के बच्चे भूखे पेट सो जातें हैं। वो चिंता तब कहाँ होती है जब उसी किसान को अपने बच्चे को पढ़ाने के लिए कर्ज लेना पड़ता है, जिसे चुकाने के लिए वो दिन रात एक कर देता है। अंत में वही किसान जब मर जाता है, तब वो किसान याद नही आता ?

आजतक किसी किसान की अर्थी उठाने के लिए गये हैं आपलोग? देखा है कभी की वो किस हालात में रहता है? किस प्रकार वो अपन जीवन हम सब की सेवा में बीता देता है। गर्मी हो, बरसात हो या जाड़ा हो कुछ भी नहीं देखता वो। लेकिन उसकी पीड़ा समझने के लिए गये हो कभी उसके घर? वो किसानों के लिये पीड़ा तब कहाँ जाती है जब वही किसान अपने बच्चे को अच्छी शिक्षा और बेटी की शादी के लिए दहेज में अपनी जमीन बेच देता है। कहा रहतें हैं तब आप लोग? आजकल रोज दिख रहा है कि समाचार चैनलों में हर कोई किसानों का मसीहा बनकर वाहवाही बटोरना चाह रहा है। हर कोई विश्लेषक बन गया है!

लेकिन साहब आप सभी तब कहाँ रहते हैं जब एक किसान धरती की सेवा करते करते मारा जाता है? सीमा पर अगर भारत माँ की सेवा में अगर कोई जवान मारा जाता है तो कम से कम उसे सलामी तो दी जाती है। लेकिन कितने किसानों की लाशों को तो कंधा देने वाला भी नहीं मिलता कईबार। तब कहाँ जाते हैं आप सभी सांसद एवं विधायक महाशय लोग? आप में से कितने जाते हैं उसकी मौत पर रोने? कितने दिन उस किसान की मौत के दु:ख में आप के घर खाना नहीं बना? कितने किसानों को परमवीर चक्र जैसे सम्मानों से नवाजा जाता है? कितनी भी समितियाँ क्यूँ ना बना लो जबतक उस गरीब के घर का हाल नहीं जानोगे तब तक कुछ नहीं कर पाओगे!

क्या किसान का बेटा भी केवल किसान ही बनकर रह जाएगा? उसे अच्छी शिक्षा की जरूरत नहीं? आप सभी के बच्चे तो अच्छे स्कूलों में पढ़ते हैं,क्या कभी देखा है गाँवों के स्कूलों का हाल? सड़कों से ज्यादा गढ्ढे हैं हमारी सड़कों में,आप सभी कभी धूप में खाली पैर चले हैं उसपर? एक ढंग का अस्पताल तक नहीं बन पाता और अगर 10-20 वर्षों में बन भी जाता है तो डाक्टर नहीं आते। आप लोगों के घरवालों नें कभी वैसे अस्पतालों में अपना इलाज करवाया है? आप सभी को मासिक वेतन क्यूँ मिलता है? पेंशन क्यूँ मिलता है? आप सभी खुद को तो जनता का सेवक मानतें हैं,तो क्या सेवा भाव के भी पैसे मिलतें है?

130 करोड़ की आबादी हो चली है,आखिर कबतक इस गंदी राजनीति के चक्कर में जनता के पैसों के साथ खिलवाड़ करोगे? आखिर कबतक? कबतक लूटोगे,कबतक इस तरह से चलता रहेगा? किसानों के हितैषी बनने वाले लोग जरा ये बताएँ की आखिर क्या किया है उन्होनें उनके लिए आजतक? ना ही पूरे देश में आधुनिक कृषि करने देतें हैं, ना ही ठीक दाम में उनकी फसल बिकती है? क्या किसान का सारा जीवन बस गरीबी में बिताने के लिए बना है? और फिर आप लोगों को वोट करने के लिए हर हर 5 वर्षों में?

संभल जाइए!! जिस दिन वो गरीब किसान सच में जाग जाएगा उस दिन आप सभी को मौका नहीं मिलेगा संभलने का॥
जय हिंद..

  Support Us  

OpIndia is not rich like the mainstream media. Even a small contribution by you will help us keep running. Consider making a voluntary payment.

Trending now

- Advertisement -

Latest News

Recently Popular