आज कल डेमॉनेटिज़ेशन की हवा मार्केट में बहोत जबरदस्त तरीके से फैली हुई है, आँधी तूफान की तरह सिर्फ़ एक ही बात हो रही है- डेमॉनेटिज़ेशन|
जब ये डेमॉनेटिज़ेशन शुरू हुआ था तो हर कोई बॅंक वालों की बहुत तारीफ किया लेकिन एक हफ्ते बाद ही हर कोई बॅंक वालों को गरियाना शुरू कर किया की बॅंक वाले बकैति कर रहे हैं, पैसे नहीं दे रहे हैं, छुपा के रख दे रहे हैं, बॅंक वाले चोर हैं, ऐसा वैसा अलमा फाचर शुरू हो गया|
इसी बीच इनकम टॅक्स वालों ने कुछ लोगों को नये वाले नोटों के साथ पकड़ लिया तो फिर बस पहाड़ टूट गया, तुरंत सारे बॅंक वाले चोर साबित हो गये, सारे दोस्तों, रिश्तेदारों, कस्टमर्स, “आम जनता”, मीडीया वालों के लिए हम और हमारे सारे कलीग्स चोर हो गये|
इस बारे में मैं कुछ आँकड़े देना चाहूँगा फिर आप सोच सकते हैं और समझ सकते हैं| उसके बाद आप हमें चोर फोर बेईमान धोखेबाज कुछ भी बना सकते हैं, हमे कोई कष्ट नहीं है|
कुल मिला कर नोट्स जो अमान्य घोषित किए गये हैं, वो हैं 15 लाख करोड़. ज़रा पहले पेपर पर सही सही ज़ीरो लिख लो फिर सोचना कितना पैसा है|
कुल नोट जो आर.बी.आइ ने अभी तक प्रिंट किए हैं 5 लाख करोड़. कुल नोट जो पहले से बॅंक के पास थे 2 लाख करोड़. कुल लीगल पैसा 7 लाख करोड़|
कुल जो पैसा इनकम टॅक्स वालों ने पकड़ा है, 120 करोड़. प्लस इसमे पुराना 500 और 1000 का नोट भी हैं कुछ| अब हिसाब लगा लेते हैं, देश की जनता हैं कुल सवा सौ करोड़| देश मे कुल 35 करोड़ लोगों के पास बैंक खाते हैं| डेमॉनेटिज़ेशन शुरू हुए दिन हुए हैं 50|
जोड़िए अगर आधी जनता भी अपना पैसा निकाल रही है तो 17 करोड़ लोग अपना पैसा निकाल रहे हैं और कुल पैसा जो RBI ने छापा है, 5 लाख करोड़, पहले से बैंको के पास था 2 लाख करोड़, नये छपे नोटों में से बैंक के पास पहुँचा है 4 लाख करोड़, तो बैंकों के पास हैं 6 लाख करोड़|
इस सात लाख करोड़ में से करीब 24 हज़ार करोड़ (4%, CRR) बैंकों को आर बी आइ के पास रखना होता है नीयम के हिसाब से| कुछ पैसा ब्रांच मे भी रखना होगा, क्योकि लॉकर खाली तो बंद होगा नहीं| मान के चलिए हर ब्रांच मे 50000 रुपया भी रखा जाएगा तो भी कुल 1000 करोड़ रुपया बैंकों की ब्रांच मे होगा|
मतलब सात लाख में से करीबन 25 हज़ार करोड़ रुपया पब्लिक को दिया नही जा सकता| बचा करीब 5.75 लाख करोड़| करीबन 25000 करोड़ ट्रॅन्सिट में रहेगा|
अब 17 करोड़ जनता अगर पैसा निकालने आ रही है तो हर व्यक्ति के लिए पैसा अवेलबल है 30000 रुपया, 50 दिन पर| कुल हफ्ते डेमॉनेटिज़ेशन के 7. तो हर हफ्ते एक आदमी के लिए उपलब्ध पैसा है, 4000 से सवा चार हज़ार रुपया हर हफ्ते का| अब जब अवेलबल पैसा ही 4000 है तो 24000 कहाँ से दे देंगे भाई| बैंक मे तो छाप नही लेंगे|
और कुल पैसा जो इनकम टॅक्स वालों को मिला है वो है 100 करोड़, जो की कुल पैसा जो बैंक वालों ने बाँटा है (5 लाख करोड़) का 0.0002%|
अब लगा लो हिसाब और कोस लो बैंक वालों को|