जब पूरे विश्व में कोरोना काल का भयानक दौर चल रहा था, सर्वत्र त्राहि माम त्राहि माम की असहनीय दशा अपने चरम पर थी, तब हमारे प्रधानमंत्री (श्री नरेंद्र दामोदरदास मोदीजी) ने देशवासियो का हौसला बढ़ाते हुए कहा था कि इस आपदा से घबराने की आवश्यकता नहीं है, अपितु इसका डटकर सामना करने की आवश्यकता है, इस आपदा को अवसर में बदलने की आवश्यकता है!
wrong is wrong irrespective who does it, however, our judgement should NOT be biased and we should not see the accused from the prism of religion. In normal course of matter; we would not presume to belabour on this to the well-trained, intelligent and articulate faculty members of such hallowed institutions as IIMs.
2014 के बाद देश कई तथाकथित राष्ट्र्वादी पत्रकार मैदान में उतरे हो जिसे उस बहुसंख्यक समाज ने ये मौका दिया जो तथाकथित महा उदारवादी पत्रकारों की न्यूज के व्यूज को गलत मान कर भी थाली में सरकाई रोटी खा रहा था।