कुछ बिजनेस पर सरकार की तरफ से 50 प्रतिशत लोन उपलब्ध कराया जाता है तो वहीं एमएसएमई कैटेगरी के कुछ बिजनेस पर 90 प्रतिशत तक बिजनेस लोन मुहैया कराया जाता है।
2015 से पहले तक जहां सुक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमियों के लिए एक भी कल्याणकारी योजना नहीं थी।; वहीं 2015 में श्री नरेंद्र मोदी जी के प्रधानमंत्री बनने के बाद एमएसएमई सेक्टर के लिए कई कल्याणकारी योजनओं का संचालन किया जा रहा है। मुद्रा लोन योजना उन्हीं योजनाओं में से एक सरकारी योजना है।
20 lakh crore package and other pro business announcement, when announced, appeared like a mirage; however, the experience was quite different and touching!
In addition to being a key cog in the wheel of a global supply chain hub that we are aiming to create in India, the MSME sector is going to be the biggest employer for the teeming millions of Indians who are entering and are going to enter in the job market in the future.
Despite some serious challenges, MSMEs have been powering the Indian economy and creating job opportunities for the middle and lower ends of the socio-economic scale.