अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् (अभाविप) ने आपातकाल के दौरान एक महत्त्वपूर्ण संघर्ष किया। आपातकाल भारतीय इतिहास की एक अंधेरी घटना थी, जिसके दौरान न्यायप्रियता, मुक्त विचार और लोकतंत्र की प्रणाली को धीरे-धीरे नष्ट किया गया।
The history of religious atrocities in JNU is one of the most overlooked facts of the campus. In previous years, especially since the 2010s a series of religious atrocities have taken place.
क्या एक सभ्य लोकतंत्र को चलाने हेतु आवश्यक नागरिकों की नस्ल को पैदा करने और प्रशिक्षित करने के उद्देश्य में इस तरह के विरोध प्रदर्शन किसी तरह से उपयोगी हो पाएँगे? या ये अराजकता और तानाशाही को जन्म देंगे?