बागी पार्टी नेता पर चाबुक का वार करते हुए, कांग्रेस ने मंगलवार को पायलट को राजस्थान के उप मुख्यमंत्री और पार्टी की राज्य इकाई के प्रमुख के पद से बर्खास्त कर दिया। पार्टी ने उनके वफादारों विश्वेंद्र सिंह और रमेश मीणा को भी राज्य मंत्रिमंडल से हटा दिया।
गहलोत-पायलट युग्म सरकार को राजस्थान में महज अभी आठ-नौ महीने ही हुआ है, लेकिन जिस तरह इस युग्म सरकार का एक खास समुदाय के प्रति तुष्टिकरण हो रहा है, उससे लगता है आने वाले दिनों में प्रदेश में कानून और व्यवस्था के हालात बेकाबू होने वाले हैं।
क्या अलवर जिले के थानागाजी क्षेत्र में दलित महिला के लिए साथ हुई सामूहिक दुष्कर्म की घटना ने राज्य के राजनैतिक तंत्र के माथे पर हल्की भी सिकन पैदा नहीं की? अगर होती तो अशोक गहलोत चुनाव प्रचार पर जाने से पहले पीड़िता का दर्द बांटने और उसे न्याय दिलाने का आश्वासन देने अब तक थानागाजी पहुंच चुके होते।
The story which is emerging even before election results, is that the good-for-nothing royals have abandoned their troops in the middle of the battlefield to save themselves.
Picking up the trusted old leaders who has always been loyal to family and have no or very less visibility on national politics was their default choice.