Amidst the celebrations of the 75th Republic Day, the news of religious slogans being raised on the Aligarh Muslim University’s Campus by some students in the National Cadet Corps(NCC) uniform made headlines.
British govt considered the suggestion of making Hindi as more pragmatic and wanted to accept it in 1867, Sir Syed Ahmad Khan started opposing it and launched a campaign to make Urdu the second official language.
स्वतंत्र भारत में, कई मुस्लिम अभी भी दो राष्ट्र के सिद्धांत में उसी तरह विश्वास रखते हैं, जैसा कि जिन्ना द्वारा समझाया गया था। इसी के चलते वे अलग राष्ट्र नायकों, अलग ऐतिहासिक प्रेरणा स्रोत और अलग युद्धों में जीत का गौरव महसूस करना उन्होंने जारी रखा है जबकि ये राष्ट्रवादी गुण हैं और इन्हें किसी व्यक्तिगत मान्यताएँ, परंपराएँ और धार्मिक साहित्य के तौर पर नहीं देखा जा सकता है।
Two Nation Theory was the basis of partition of India. Partition was accepted based on the assumption that the Muslims staying back in India because they rejected the Two Nation theory. However, later decades proved that Two Nation Theory is not only subscribed by a large section of Indian Muslims but also being nourished by the appeasement politics.
आज जब हिजाब के खिलाफ आवाज उठाने वाली छात्रा हो या लाउडस्पीकर पर अजान का न्यायसम्मत विरोध करने वाली महिला हो या फिर इसके समर्थन में उतरी एक अन्य छात्रा हो, इनके समर्थन में महिला अधिकारों की बात करने वाले उपर्युक्त किसी उदारवादी संगठन की कोई आवाज क्यों नहीं सुनाई दी।
This is not the first time that a Hindu student is threatened in AMU. Many such incidents have taken place against those students who have raised their voice in support of CAA.
Government is funding some universities like JNU, AMU etc. from tax payers money, and what we are getting in return is really depressing. Not one but there are a series of controversies and violent protests reported from these universities.
एक तरफ पूरा देश पुलवामा में शहीद हुए सैनिकों की शहादत को याद कर रहा था वहीँ दूसरी तरफ आतंकी मुस्लिम यूनिवर्सिटी का छात्र बसीम हिलाल अपने आतंकी बाप को बधाई देने में जुटा था। इसने अपने ट्वीट में लिखा था How the Jaish यह सीधे तौर पर भारत के विरोध को प्रदर्शित करता है।