आधार संरचना पर हमले की अगुवाई करने की पहल याचिकाकर्ताओं, अर्थात् न्यायमूर्ति के.एस. पुट्टस्वामी (सेवानिवृत्त) और श्री प्रवेश खन्ना, के नेतृत्व में वर्ष २०१२ में एक रिट याचिका (सिविल) संख्या ४९४ /२०१२ दाखिल करके की गई। उस समय, आधार योजना विधायी छत्र के अधीन नहीं थी अर्थात इसके लिए किसीभी प्रकार के अधिनियम या संहिता को विधायिका के द्वारा पारित और लागू नहीं किया गया था।
These new ITR forms and the rule for declaring cash transaction over 2 lakhs during the demonetisation period is an initiative taken by the government purely to trace the tax evaders.