कृपया कर यह भी समझ लें कि कोई उपचार या कोई दवा तभी असर करती है जब शरीर की इम्यूनिटी अच्छी होती है और रिकवरी कर सकती है, इसलिए इम्यूनिटी को बेहतर रखना हमारे स्वयं के हित में है।
देवर्षि नारद को ब्रह्माण्ड का प्रथम पत्रकार कहा जाता है क्योंकि इन्हें तीनों लोकों में वायु मार्ग द्वारा विचरण करने का वरदान तो प्राप्त था ही, इसलिये ये तीनों लोकों में वीणा बजाते, नारायण नारायण करते, बिना किसी भेद भाव के सूचना पहुंचा देते थे।
हमें हमेशा ही परिवार में मिलजुल कर रहने की कोशिश करना चाहिए ताकि हम आपस में खुशी-खुशी जीवन जी सकें। इसलिये संयुक्त परिवार का हिस्सा बनें क्योंकि जब परिवार में एकजुटता रहेगी तभी एक मजबूत समाज निर्माण हो पायेगा जो आज के समय की आवश्यकता है।
वैशाख मास में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को बसंत ऋतु का समापन होकर ग्रीष्म ऋतु प्रारम्भ होती है और इसी दिन को हम सनातनी अक्षय तृतीया या आखा तीज कहते हैं।
हमारे वेद पुराणों के समय से, जब से उन्हें पुस्तकों के रूप में लिखा गया है, तब से लेकर आज तक एवं आगे आने वाले समय मे भी पुस्तक के महत्व एवं उपयोगिता को नकारा नही जा सकता।
मजबूत इच्छाशक्ति और आत्मबल से हम स्वयं में बदलाव लाकर "परिवार, समाज, देश" को दीर्घकालीन लाभप्रद स्थिति प्रदान कर सकते हैं तो उस पर दृढ़ निश्चय से हम सभी को प्रयत्न अवश्य करना चाहिए।
जैसा सभी को मालूम ही है कि दशहरा फिर दीपावली त्यौहार आ रहे हैं और हम सब इन त्यौहारों पर पटाखे वगैरह फोड़ते हैं और पटाखों से निकलने वाली जहरीली गैस एक स्वस्थ आदमी तक के लिये नुकसानदायक होती है तो कोरोना संक्रमितों के लिये तो बहुत ज्यादा ही नुकसानदायक रहेगी ही।
श्विक महामारी कोरोना ने पूरी दुनिया बदल दी है इस तथ्य को कोई नकार नहीं सकता। आपके ध्यान्नार्थ किंग्स कॉलेज - लन्दन के शोधकर्ताओं के विश्लेषण का निष्कर्ष यही रहा था कि कोविद-१९ छह तरह से हमला कर रहा है और यही कारण है की कोरोना संक्रमितों की संख्या दिन प्रतिदिन बढती जा रही है।
अब देश का प्रत्येक व्यक्ति "जान भी, जहान भी", दोनों की चिंता करते हुए अपने दायित्व निभाएगा साथ ही साथ सरकार और प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करेगा।
जिसकी इम्युनिटी अच्छी होगी वो बच जाएगा और जिसकी अच्छी नहीं होगी वो नहीं बचेगा। सारांश यह है कि हमारे शरीर की इम्युनिटी ही कोरोना की दवाई है। तो हमें सारा ध्यान अपनी इम्युनिटी बढ़ाने पर देना चाहिए।