सरकार,प्रशासन और स्वंय सहायता समूहों का आपसी समन्वय कितना सार्थक, प्रेरणादायी और फलदायी हो सकता है, ये फिरोजाबाद में स्थित कंपनी 'आर्क चिप्स' इसका एक बेहतर उदाहरण है, जिसने ना केवल महिलाओं को सिर्फ बढने का मार्ग दिखाया है बल्कि उनमें आत्मविश्वास का संचार भी किया है।
गांवों के विकास कार्यों में आमजन की सहभागिता बढ़ाने के लिए 'उत्तर प्रदेश मातृभूमि योजना' शुरू हो रही है। इसके सारथी पंचायत सहायक होंगे। दानदाताओं को योजना की जानकारी और कार्यों के विवरण का आदान-प्रदान इन्हीं के माध्यम से होगा।
स्वतंत्रता के बाद भारत में इस प्रकार की स्थिति पहले कभी नहीं देखी गयी होगी, भारतीय राजनीति में सभी मर्यादाएं टूट रही हैं। सभी राजनैतिक दलों ने कानून की व्याख्या अपने हिसाब से तय कर ली है।
2022 के विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी के विरोध में बने माहौल को लपकने के लिए कांग्रेस, सपा, बसपा और आम आदमी पार्टी के नेताओं ने कोई कसर नहीं छोड़ी, दिल्ली ही नहीं, छत्तीसगढ़ और पंजाब से भी नेता लखीमपुर खीरी के लिए निकल पड़े।
गांधी जी ने ए.ओ. द्वारा गठित भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को समाप्त करने की बात भी कही थी। स्वतंत्रता संग्राम में किसी व्यक्ति विशेष या पार्टी का कोई योगदान नहीं है, आजादी की लड़ाई में सभी का रक्त शामिल है।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने माय-गव की पोस्ट को टैग करते हुये ट्वीट किया हैः "लाल किले की प्राचीरों से आपके विचार और सुझाव गुंजायमान होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 15 अगस्त के व्याख्यान में शामिल करने के लिये आपके क्या विचार और सुझाव हैं? अपने विचारों-सुझावों को @mygovindia पर साझा करें।"
राज्य के सभी राजनीतिक दल और क्षेत्रीय क्षत्रप दल आगामी चुनाव के लिए अपनी-अपनी चुनावी बिसात बिछाने में तेजी से जुट गये हैं, कुछ समय पहले संपन्न हुए पंचायत चुनाव व जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनावों में इसकी बानगी देखने को मिली है।
हांलाकि भाजपा सरकार के दौरान पुल का निर्माण काफी तेजी से किया गया, लेकिन निर्धारित अवधि पूर्ण होने के चार वर्ष बाद भी लोगों को पुल की सुविधा का अभी भी इंतजार है।