देश में शिक्षा के नाम पर राजनीति करना यह आमचलन हो गया राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विद्या भारती से जुड़े स्कूलों की तुलना पाकिस्तानी कट्टरपंथी मदरसों से करना कतई सोभनीय नही है.
संघ विचार-परिवार जिस सुदृढ़ वैचारिक अधिष्ठान पर खड़ा है उसके मूल में माधवराव सदाशिव राव गोलवलकर उपाख्य श्री गुरूजी के विचार ही बीज रूप में विद्यमान हैं। संघ का स्थूल-शरीरिक ढाँचा यदि डॉक्टर हेडगेवार की देन है तो उसकी आत्मा उसके द्वितीय सरसंघचालक श्री गुरूजी के द्वारा रची-गढ़ी गई है।
संघ पर प्रश्न खड़े करने वाले निष्क्रिय निठल्ले और परिस्थितियों से विवश, नकारात्मक लोग हैं, भले ही वे #सक्रिय जैसे दिखते हैं। हजारों वर्षों के राष्ट्र जीवन में इनकी औकात ही क्या है? वेद, उपनिषद और गीता के सामने तुम्हारी एक किताब का अस्तित्व ही क्या है?
संघ के निर्माता डा. केशवराव हेडगेवार जन्मजात देशभक्त थे। बचपन से ही उन्हें नगर में घूमते हुए अंग्रेज सैनिक, सीताबर्डी के किले पर फहराता अंग्रेजों का झण्डा यूनियन जैक तथा विद्यालय में गाया जाने वाला गीत ‘गाॅड सेव दि किंग’ बहुत बुरा लगता था।
कई बार संघ के विरोधी भी देख कर दंग रह जाते है कि ये लोग किस मिट्टी के बने है हम इनका तिरस्कार करते हैं और ये देश सेवा में व्यस्त रहते हैं और संघ स्वयंसेवकों की प्रसंशा करने पर विवश हो जाते हैं।
संघचालक डॉ मोहन भागवत जी के नाम से एक फर्जी न्यूज वायरल किया गया, न्यूज एक पेपर कटिंग के रूप में बनाई गई। जिसका शीर्षक 'कोरोना ने तोड़ी मेरी धर्म में आस्था' एक फर्जी डिजाइन किया हुआ है
नित्य राष्ट्र साधना प्रतिदिन की शाखा व समय-समय पर किये गये कार्यों व व्यक्ति चरित्र निर्माण संघ संस्कार के कारण ही दुनियां के सामने आज संघ राष्ट्रशक्ति बनकर उभरा है। ऐसे संगठन के बारे में तथ्यपूर्ण सही जानकारी होना आवश्यक है।
९ मई २०२० को थैलेसीमिया से पीडित बच्चों के लिए चारकाेप, कांदिवली पश्चिम में रक्त दान शिबिर संपन्न हुआ. सर्वोदय हॉस्पिटल समर्पण ब्लड बैंक, घाटकोपर के तत्वावधान में हुए इस रक्तदान शिबिर में सुबह ११ से दोपहर २.३० बजे के बीच ९२ यूनिट रक्त संग्रहित किया गया.