TOPIC
Muslim Population
Does India need a population control law?
instead of resorting to law, efforts should be made for population control by taking measures like awareness campaign, raising the level of education, and eradicating poverty.
Necessity of a family planning act for national development and retention of religious demography
Implementation of the proposed measures will increase the percentage of healthy, wealthy, cultured, and educated people in the country.
Overview of voting trends of Muslims in Bihar election 2020
by observing the overall data, one can conclude that non-Muslim votes are divided into Muslim and non-Muslim candidates while Muslim votes are only divided among Muslim candidates.
Establishing new narrative with incomplete truth about India’s population
When left- liberals focus on shrinking young population and indirectly disregard need of family planning; its time for the nation is to be vigilant.
मोबलिंचिंग के नाम पर झारखंडी राजनीति
जिन दलित हिंदुओं को तथाकथित मॉब लिंचिंग के नाम पर प्रताड़ित किया जा रहा है उनके लिए दलित की राजनीति करने वाले नेताओं का रवैया कैसा रहने वाला है। तुष्टिकरण की राजनीति करने वाले नेताओं के गले की हड्डी बन चुकी यह घटना अब उनके ना तो निकलते बन रही है और ना ही उगलते।
मार्केट में नया जिहाद आया है
फटने वाला जिहाद और लव जिहाद के बाद नया जिहाद है 'डेमोग्राफिक जिहाद'. इसे नया समझने कि भूल ना करें. हो सकता है कि मैं और आप इसके लिए नया हों.
जनसंख्या नियंत्रण को लेकर सकारात्मक प्रयास की ज़रूरत
Abhinav -
जब हम आदर्श समाज की बात करते हैं तो उसमें परिवार नियोजन भी शामिल है। यदि हम दुनिया के पटल पर उभरना चाहते हैं तो हमें समझना चाहिए की देश भीड़तंत्र से नहीं चल सकता।
The ticking time bomb; population
Population is not merely an economic problem, it encompasses issues which can derail the entire country if it is ignored.
Peaceful co-existence is a mirage, Jihad is the reality
Jihad is not limited to an open Islamic war. It has been spread through education, population, love, business, etc.
मोदी सरकार के लिए बड़ी चुनौती है बढ़ती आबादी
पिछली सरकारों की बेहद गलत और भेदभावपूर्ण जनसँख्या नीतियों का यह नतीजा है कि देश में जहां एक तरफ तो आबादी में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है, वहीं दूसरी तरफ बहुसंख्यकों की आबादी में कमी आयी है.