Caste, often argued to be one such European innovation, today is an inherent part of Indian society. Hinduism, although one of the more liberal and tolerant religions, is polluted by the divisions of caste.
स्त्रियों को उचित प्रशिक्षण तथा सही मार्गदर्शन मिलना चाहिए ताकि वे अपना बचाव स्वयं कर सकें और गलत रास्ते पर भी न जाएं. स्त्रियों को चारदिवारी में कैद रखना महर्षि मनु के पूर्णत: विपरीत है.
जन्म आधारित जातिव्यवस्था महर्षि मनु द्वारा प्रतिपादित समाजव्यवस्था का कहीं से भी हिस्सा नहीं है. जो जन्मना ब्राह्मण अपने लिए दण्डव्यवस्था में छूट या विशेष सहूलियत चाहते हैं – वे मनु, वेद और सम्पूर्ण मानवता के घोर विरोधी हैं और महर्षि मनु के अनुसार, ऐसे समाज कंटक अत्यंत कड़े दण्ड के लायक हैं
हाल के ही दिनों में दो प्रमुख घटनाएँ सामने आयीं है जिसे देख के लगता है की भारत में जातिवादी भावना भरी गई है ताकि हिन्दुओं में टकराव बना रहे और कुछ तथाकथिक धर्मनिरपेक्ष राजनितिक दल अपना प्रभाव और प्रभुत्व भारत में बना के रख सकें।
There are numerous scripts which in detail explain how the Varna of a person should be determined based on the profession & nature of his living not based on birth.