बहुभाषी समाज में अपने विचारों के आदान-प्रदान के लिए संपर्क भाषा हिन्दी ही हो सकती है। हिन्दी भाषा समस्त देश-विदेशवासियों को एक सूत्र में बांधने वाली भाषा है।
बेंगलुरु मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने अपने स्टेशनों के साइनबोर्डों को कन्नड़, हिंदी और अंग्रेजी भाषा में लिखवाया तो बहुत से अंग्रेजीदां लोग इसके विरोध में उतर आए और इस मुद्दे को ट्वीटर पर ट्रोल किया जाने लगा।