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Bhima-Koregaon riots
अरबन नक्सली थक हार कर अब सुप्रीम कोर्ट को अपमानित कर रहे हैं!
मामला अब मात्र प्रशांत भूषण के माफी मांगने तक सीमित नहीं रह गया है। यह एक बहाना है। उनका असली मकसद देश की संवैधानिक संस्थाओं के प्रति आम लोगों में अविश्वास की भावना विकसित करने के लिए एक नरैटिव तैयार करना है, जिससे लोगों के भीतर अपनी ही सरकार और संस्थाओं के प्रति भरोसा कम होता जाए।
सत्ता के लिए कांग्रेस का संगीन खेल
पंजाब में खालिस्तान, महारष्ट्र में MNS और अब गुजरात में जातिवादी कॉंग्रेस की नीच राजनीति का स्वरूप है.
जातिवाद का ज़हर, होगा बेअसर
राहुल गाँधी और अन्य विपक्ष, जातिवाद का वो ज़हर जो लगभग ख़त्म हो चुका है, उसको फिर से जगा रहें हैं, पर ये सब सब व्यर्थ है.
क्या विपक्षी राजनेता पाकिस्तान के इशारे पर देश में जातिवाद का जहर फैला रहे हैं?
एक दुश्मन देश में जाकर उससे एक निर्वाचित सरकार को हटाने की मदद माँगना क्या मोदी सरकार की नज़र में देशद्रोह नहीं है?
Caste prejudices reborn: All thanks to the secular party Congress
Congress with its allies seems to have stooped to the last dirty level to be in the government.