Monday, December 2, 2024

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Cinema-Filmmaking-Art-भारी शब्दों का प्रयोग करके अपनी धूर्तता छिपाती हल्की हिंदी फिल्म इंडस्ट्री

वर्षों की गुलामी के कारण हमारी मनोस्थिति ही ऐसी हो गयी है कि मनोरंजन की डिश में भी जब तक पश्चिमी तड़का न लगे वह हमें स्वाद नहीं देती या यूं कहें कि ये डिश बनाने वाले बावर्ची हमारी स्वाद कलिकाओं को विकसित ही नहीं होने देना चाहते ताकि अपने घटिया व्यंजन परोसते रहें और हम उन्हें ही मालपूआ समझ कर ग्रहण करते रहें।

The Bose who Illuminated the Constitution of India

The University of Calcutta honored him with the honorary D. Litt for his contribution towards the field of art in the year 1957.

Margazhi Musings: Abhishek Raghuram in a zone of his own

Lesser mortals may have struggled with Abhishek in this mood.

Margazhi Musings: Tiruchur Brothers Srikrishna And Ramkumar on Song

Concert by Tiruchur Brothers, Srikrishna Mohan and Ramkumar Mohan on 14th Dec,2019 at Brahma Gana Sabha, at 18.00 hrs.

Organic nature of the vision of an artist

The organic nature of an artist’s vision can probe deep into the depths of emotions.  As Sobha Sigh said, “Art is the language of the heart.”

जब लोग ओम पुरी को पाकिस्तानी बोलते हैं तो मुझे गुस्सा क्यों आता है

हम ओम पूरी जैसे कलाकारों को पाकिस्तानी बोल बोलकर हर उस पगले कलाकार की आवाज़ दबा देते हैं जो एक अलग परिपेक्ष्य की सम्भावना ढूंढता है

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