In any time and in any part of the world, personalities and heroes are worshiped. But now, we've to be cautious that heroes should be admired on their performance and not on their fake promises.
हमें पूरी ज़िंदगी स्कूल में नेहरू का समाजवाद, गाँधी का समाजवाद, लोहिया का समाजवाद और साम्यवाद ही पढ़ाया जाता रहा कभी किसी ने अंबेडकर का पूँजीवाद नहीं पढ़ाया।