Thursday, March 28, 2024

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Abusing Hinduism

असुराधिपति के प्रति सहानुभूति और कृतज्ञता का पर्व

राम को न मानने, न जानने और न समझने वालों को ये सामाजिक सन्देश युक्त शुभकामनाएँ और फोन फोन तक इनकी पहुंच अपने एजेंडा को जन जन तक पहुँचाने का एक सशक्त माध्यम लगीं और उन्होंने इसका दोहन आरम्भ कर दिया।

बेव सीरीज को उनकी अश्लीलता के लिए कोसा जाता रहेगा

वेब सीरिजों में धार्मिक प्रतीकों के साथ दुर्व्यहार बहुत सामान्य सी बात हो गई है। विशेषकर हिंदू प्रतीकों के साथ सीरिजकार जिस तरह का व्यवहार करते हैं, वह सभ्य समाज के लिए असहनीय है। और इसमें कोई मर्दानगी जैसा भी महसूस नहीं होना चाहिए।

“हिंदुत्व” भारतवर्ष की उदारता एवं मानवता के श्रेष्ठ गुणों का निचोड़ है

हिंदुत्व ही राष्ट्रीयत्व है। जहां हिंदुत्व घटा, देश वहां बटां। पूर्वोत्तर के राज्य तथा जम्मू-कश्मीर इसका ज्वलंत प्रमाण है।

अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की आड़ में चलता हिन्दू धर्म का अपमान

जिस हिन्दू धर्म ने इस राष्ट्र को एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र बनाया, सर्वधर्म समावृत्ति की शिक्षा दी उसी धर्म के सम्मान की अव्हेलना कर देना इस देश में कहाँ तक उचित है? क्या समीक्षा एवं अपमान के बीच कोई विभाजन की रेखा नहीं बची अथवा कोई रेखा खींचना नहीं चाहता।

भारत में ब्राह्मण होना (अच्छा या बुरा)

शायद आज के भारत में ब्राह्मण होना 1930 के जर्मनी में यहूदी होने जैसा है। यहूदी जर्मनी की आबादी का एक बहुत छोटा हिस्सा थे, फिर भी जर्मनी की लगभग सभी समस्याओं के लिए दोषी ठहराया गया था।

Sita; the wisdom personified

These facts regarding Devi Sita suggest explicitly that, we must avoid being highly judgmental regarding her because she is sufficiently competent to prove herself unequivocally.

Left, not so left

Historically the left- liberals or communists maintained aloofness form religion, but as there is always an Indian touch to everything this is not the case in India.

धुर्वीकरण की राजनीति से भारत का हितोपदेश

2014 के बाद देश कई तथाकथित राष्ट्र्वादी पत्रकार मैदान में उतरे हो जिसे उस बहुसंख्यक समाज ने ये मौका दिया जो तथाकथित महा उदारवादी पत्रकारों की न्यूज के व्यूज को गलत मान कर भी थाली में सरकाई रोटी खा रहा था।

कब तक चुप रहूँ

आर्यभाषा को कहके दूषित और कर्कश आर्यभाषी को कहके असभ्य "तहजीब" की बाजारू खिचड़ी की पूजा करने वाले; बाल्यकाल से आर्यभाषी हूं! कब तक चुप रहूं?

वटवृक्ष कथा और प्राइम का वेबसिरीज ‘पाताल लोक’

आमेजन प्राइम पर हाल में ही एक वेब सिरीज रिलीज़ हुआ है ‘पाताल लोक’। इस वेब सिरीज़ में एक कुतिया का नाम ‘सावित्री’ रखा गया है।

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