In this article, an eminent personality and grassroots worker who lived his youth years in Andman jail, Vinayak Damodar Das Savarkar will be discussed.
Savarkar is wrongly credited or criticized for introducing the concept of ethnocentric Hindutva in India. It was Chandranath Basu (1844-1910), a Bengali litterateur, who first coined the term Hindutva in 1892 in his writing.
हाल के ही दिनों में दो प्रमुख घटनाएँ सामने आयीं है जिसे देख के लगता है की भारत में जातिवादी भावना भरी गई है ताकि हिन्दुओं में टकराव बना रहे और कुछ तथाकथिक धर्मनिरपेक्ष राजनितिक दल अपना प्रभाव और प्रभुत्व भारत में बना के रख सकें।
Nehru never faced the same cruelty which Savarkar faced. Being born with a silver spoon in his mouth, he had family connections with the British authorities, and was friends with them; this spared him from most forms of cruelty.
जिसके भाई को जेल भेज दिया गया हो, पत्नी और भाभी बेघर हो गईं हो, ससुर की नौकरी छीन ली गई हो, वह इन मुसीबतों में भी अपने लक्ष्य से पीछे नहीं हटा, बल्कि मुसीबतों के पहाड़ को चीरता चला गया। उस त्याग, समर्पण और राष्ट्रभक्त का नाम है सावरकर।