Thursday, April 25, 2024

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कौन हैं शिव!

भारत में प्रेम का प्रतीक हैं अर्धनारीश्वर शिव! शिव स्त्री-पुरुष की समानता और सहधर्मिता के प्रतीक हैं। शिव एक पुरुष हैं जो स्त्री को अपनी शक्ति मानते हैं।

जातिगत आधार पर कुख्यात अपराधी विकास दुबे की पैरवी करने वाले लोगों को कुछ तथ्यों पर ध्यान देना चाहिए

आप जिसे अपना ब्राह्मण भाई समझ कर शेर बता रहे हैं या उसके अपराधी बनने के पीछे सिस्टम को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं, आपके उसी शेर विकास दुबे ने जितनी हत्याएं अब तक की है उनमें से 80% ब्राह्मण ही हैं।

तुम मुझे जानते नहीं, मैं कौन हूँ

इस बात की खुशी है की आज, ६० साल “तुम मुझे जानते नहीं” वालों ने राज करने के बाद, "आप तो मुझे जानते हो" को मौका तो मिला। पर एक बात का डर अभी भी सताता है। कहीं फिर कोई "तुम मुझे जानते नहीं" का कोई बेटा या पोता फिर से हमारी जिन्दगी को इमरजेन्सी मे झोंकने या बोफ़ोर्स scam करने ना आ जायें।

क्या आप हर चैनल पर रविश कुमार के क्लोन झेल पाएँगे?

एक सामान्य नागरिक होने के नाते में विशेष कुछ कर नही सकता देश के लिए! इतना ज़रूर है की जो लोग देश के लिए...

जाति व्यवस्था वर्ण व्यवस्था एवं प्रचलित वैचारिक विष

जाति व्यवस्था पर हमारे समाज में अत्यधिक भ्रम उत्पन्न किया गया है। इतने वर्षों के घोषित अघोषित दासता काल में हिन्दू सभ्यता के विरुद्ध अनेक षड्यंत्र किये गए हैं। जैसे वर्तमान में सर्वाधिक प्रचलित षड्यंत्र है caste system।

पितृसत्तात्मक समाज से वामपंथी नारीवादियों का महायुद्ध

यदि समाज इतना ही पितृ सत्तात्मक था तो ब्रह्म वादिनी स्त्रियाँ कहाँ से आयीं? यदि समाज इतना ही पितृ सत्तात्मक था तो शंकराचार्य और मंडन मिश्र के शास्त्रार्थ का निर्णायक भारती को क्यों बनाया गया?

जनरल जीडी बक्शी के गुस्से ने वामियों को ट्विटर पर चूड़ियां तुड़वा दीं

राष्ट्रीय न्यूज चैनल "रिपब्लिक भारत" पर एक डिबेट शो के दौरान रिटायर्ड मेजर जनरल जीडी बक्शी ने एक पैनलिस्ट को गाली दे दी तो पूरे लिबरल समाज ने ट्विटर पर चूड़ियां तोड़ना शुरू कर दिया।राष्ट्रीय न्यूज चैनल "रिपब्लिक भारत" पर एक डिबेट शो के दौरान रिटायर्ड मेजर जनरल जीडी बक्शी ने एक पैनलिस्ट को गाली दे दी तो पूरे लिबरल समाज ने ट्विटर पर चूड़ियां तोड़ना शुरू कर दिया।

हलाल निषेध करें

पशु-पक्षी के वध करने की विधि पर अनेकों शोध हुए हैं। अधिकांश शोधकर्ताओं ने हलाल एवं कोशेर (यहूदियों द्वारा प्रयुक्त) विधि को अत्यंत क्रूर-पीड़ा दायक बताया है।

प्रथम भारतीय गणराज्य की विदाई की सांझ व आगे का मार्ग

बदलते घटनाक्रमों ने यह तो स्पष्ट कर ही दिया है कि इस्लामिक अराजकता आने वाले समय में केवल इस जंग खा चुकी गणतांत्रिक व्यवस्था को उखाड़ फेंक नई गणतांत्रिक व्यवस्था बनाने के हिंदू संकल्प को मजबूत ही करेगी।

“वीरता ही शांति की पूर्व शर्त होती है, निर्बल कभी शांति स्थापित नहीं कर पाते”

प्रधानमंत्री ने कहा "शांति कभी निर्बलों द्वारा स्थापित नहीं की जा सकती" अर्थात् शांति स्थापित करने का कार्य वीरों का है। जिसके लिए उन्हें अधर्म/अराजकता/शत्रु का विनाश करना पड़ता है। हिंसा के विरुद्ध भयावह प्रतिहिंसा करनी ही पड़ती है।

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